बेंगलूरु। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) बेंगलूरु की महिला विंग द्वारा चामरजपेट स्थित कार्यालय में अध्यक्ष अनिता पिरगल के नेतृत्व में हीरे को बेहतर तरीक़े से जानने व समझने की एक अभिनव कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यवक्ता सोलीटेयर डायमंड इन्स्टिट्यूट के अशोक राठौड़ ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि हीरा प्राकृतिक रूप से बनने वाला एक महँगा पत्थर होता है। रहीमजी ने भी हीरे के बारे में कभी कहा था कि ‘हीरा कब कहे लाख हमारो मोल’, ऐसे अनमोल पत्थर की क़ीमत और चमक तब ओर बढ़ जाती है जब उसको धारण करने वाले का व्यक्तित्व भी हीरे से मेल खाता हो। कार्यशाला में अशोक राठौड़ ने हीरे की प्रामाणिकता, रख-रखाव, प्रमाण-पत्र व ख़रीदते-बेचते समय की सावधानियों को समझाया।जीतो के मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ बोहरा ने जानकारी दी कि जीतो अध्यक्ष अशोक नागोरी, महामंत्री महेश नाहर, राजेश मेहता, एपेक्स महिला उपाध्यक्ष ललिता गुलेच्छा, केकेजी जोन की भारती हार्डी व पुर्व अध्यक्ष निशा सामर की उपस्थिति में प्रश्नकाल के दौरान नीतू जैन, मोनिका पिरगल, बबीता रायसोनी, तरुण मेहता आदि की जिज्ञासा का समाधान किया गया। तीन दिन की कार्यशाला हेतु पंजीकरण कोषाध्यक्ष बिंदु रायसोनी व सहमंत्री रेशमा पुनमिया ने किया। विषय प्रस्तुति संयोजिका सहमंत्री रश्मि खाँटेड ने दी। वक्ता का परिचय सह-संयोजिका शीला सेठ ने दिया। उपाध्यक्ष प्रमिला आँचलिया व लक्ष्मी बाफ़ना का सहयोग सराहनीय रहा। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री नीलम बंब ने किया।