बेंगलूरु डिवीजन की 'नन्हे फरिश्ते' टीम ने 7 बच्चों को तस्करी से बचाया, चार साल में 2927 बच्चों को बचाया बाल तस्करी से













संजय जोशी

बेंगलूरु। दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगलूरु डिवीजन की 'नन्हे फरिश्ते' टीम ने बीते चार दिनों मेें 7 बच्चों को तस्करी से बचाया है। दक्षिण पश्चिम रेलवे की मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ई. विजया ने बताया कि हमारी टीम ने बीते दिवस सोमवार को एक 14 वर्षीय लड़के को बचाया गया। जो केएसआर बेंगलूरु रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर था और उसे मद्दुर में एक लकड़ी उद्योग में काम करने के लिए लाया गया था। वह काम की जगह से भाग गया था और बेंगलूरु पहुंच गया था। जानकारी के अनुसार बिहार के चार नाबालिग लड़के जो बाल श्रम में लिप्त थे, तस्कर से भाग गए और 19 फरवरी को केएसआर बेंगलूरु रेलवे स्टेशन पहुंचे। प्लेटफार्म नंबर 1 पर पाए गए बाल श्रम के रुप में उपयोग करने के लिए त्रिपुरा से लाया गया एक और लड़का भी 19 फरवरी को ही को बचाया गया। साथ ही टीम ने इसी दिन येलहंका रेलवे स्टेशन पर एक 14 वर्षीय लड़की को भी बचाया। इस लड़की को राजस्थान के भीलवाड़ा से अगवा किया गया था। विजया के मुताबिक टीम ने अपहरणकर्ता को भी पकड़ लिया और राजस्थान पुलिस को सूचित किया जो अपहरणकर्ता को अपनी हिरासत में लेने के लिए आ रही हैं। रेस्क्यू किए गए बच्चों को नामित एनजीओ को सौंप दिया गया था। 


चार साल में 2927 बच्चों को बचाया बाल तस्करी से


दक्षिण पश्चिम रेलवे की मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ई. विजया के अनुसार दक्षिण पश्चिम रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे के संपर्क में आने वाले भगोड़े/तस्करी करने वाले बच्चों को बचाने की पहल की है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल ने 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' के तहत इस उद्देश्य के लिए समर्पित बचाव दल का गठन किया है। जनवरी, 2017 से अब तक दक्षिण पश्चिम रेलवे के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 2927 बच्चों को बाल तस्करी से बचाया गया है।