बीकानेर, 16 जनवरी (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) में नए निदेशक के रूप में डॉ. आर्तबन्धु साहू ने शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व डॉ.साहू, भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवंऊन अनुसंधानसंस्थान, अविकानगर में प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष (पशु पोषण) के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने कहा कि उष्ट्र उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें ऊँटनी के दूध की उपयोगिता एवं इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के अलावा इस प्रजाति के बहुआयामी उपयोग भी तलाशने होंगे ताकि ऊँट पालकों एवं किसानों की आमदनी में आशातीत बढ़ोत्तरी की जा सके। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी अनुसंधान संस्थान, मूलत: किसान हितैषी कार्यों के लिए ही बने हैं, अत: किसानों के प्रति नम्रतापूर्वकव्यवहार करते हुए उन्हें सकारात्मक सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किया जा सके। डॉ. साहू ने उष्ट्र विकास एवं संरक्षण के विभिन्न मुद्दों पर भी वैज्ञानिकों एवं स्टाफ के साथ विचार-विमर्श किया। इससे पहले केन्द्र के पूर्व कार्यवाहक निदेशक डॉ.आर.के.सावल द्वारा डॉ.साहू को एनआरसीसी के निदेशक पद का कार्यभार सौंपते हुए अपनी तथा केन्द्र परिवार की ओर से बधाई संप्रेषित की गई। एनआरसीसी के मीडिया प्रभारी नेमीचंद बारासा ने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन्त व्यास ने केन्द्र की अनुसंधानिक उपलब्धियों एवं गतिविधियों का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए डॉ.साहू के नेतृत्व में केन्द्र की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की। इस बैठक कार्यक्रम का संचालन हरपाल सिंह कौण्डल, वैयक्तिक सहायक ने किया।
NRCC के नए निदेशक डॉ. साहू बोले ; उष्ट्र उत्पादन बढ़ाने हेतु दूध के साथ इसके बहुआयामी उपयोग तलाशने होंगे