बीकानेर, 10 जनवरी (छोटीकाशी डॉट पेज)। भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के स्थान पर हिन्दू राष्ट्र घोषित करवाने के उद्देश्य से 8 से 13 जून तक छह दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की घोषणा रविवार को प्रेस-कांफे्रंस में की गयी। प्रेस-कांफ्रेंस में श्री हिंदू तख्त राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद ऊभा, मां भारती सेवा प्रन्यास के अधिष्ठाता सूरजमाल सिंह नीमराना व भारतीय जन स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष गोस्वामी शिशपाल गिरि ने संयुक्त रुप से पत्रकारों को बताया कि सनातन धर्म की अवधारणाओं को वास्तविक रुप से स्थापित करवाना, हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को बाधित करने वाले कानूनों की समीक्षा करवाना, हिंदू धर्म स्थलों को हिंदू समाज के ट्रस्ट को सुपुर्द करवाना एवं सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाना प्रमुख उद्देश्य होंगे। अधिवेशन के प्रचार-प्रसार हेतू 26 फरवरी को धम्र सम्राट करपात्री स्वामी जी महाराज की पुण्यतिथि पर हिंदू राष्ट्र स्थापना में गाय की संस्कृति की महत्ता कार्यक्रम, 31 मार्च को शिवाजी महाराज की जयंती पर हिंदू राष्ट्र स्थापना में शिवाजी की महत्ता का कार्यक्रम, 21 अप्रेल रामनवमी को हिंदू राष्ट्र स्थापना में रामनवमी की महत्ता पर तुलसी सर्किल पर कार्यक्रम, 14 मई अक्षय तृतीया के अवसर पर हिंदू राष्ट्र स्थापना हेतू अक्षय कलश स्थापना कार्यक्रम होंगे। ऊभा ने बताया कि सनातन धर्म के चारों स्तंभ हिंदू, जैन, बौद्ध व सिख पंथ को मानने वाले सनातनी भाग ले सकते हैं। राजस्थान सहित 18 राज्यों के हिंदूत्ववादी, राष्ट्रवादी, संगठनों के लगभग 400 बुद्धिजीवी चिंतक विचारक एवं कार्यकर्ताओं के भाग लेने का दावा भी उन्होंने किया। अधिवेशन के पहले चरण में गौमाता की महाआरती, द्वितीय चरण में हिंदूवादी, राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक एवं अन्य लोग विभिन्न बिंदूओं पर अपना उद्बोधन देंगे वहीं अधिवेशन के समापन पर आयोजित धर्म संसद में सभी संत, बुद्धिजीवी, विद्वान, पूज्य शंकराचार्य जी के सानिध्य में सनातन हिंदू धर्म का एक दृष्टि पत्र अथवा दिशा पत्र जारी करेंगे जिसके अनुसार हिंदू राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने के लिए बीकानेर में 8 जून से होने वाले हिंदू राष्ट्र अधिवेशन में करेंगे चर्चा