बीकानेर, 29 जनवरी (सीके मीडिया/छोटीकाशी)। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने शुक्रवार को कहा कि मानवाधिकारों के संरक्षक के रूप में आयोग की भूमिका प्रोएक्टिव रहेगी। मानव अधिकारों का संरक्षण करना प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी है। विभागीय अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी को समझते हुए मानव अधिकार से जुड़े मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण करें। शुक्रवार को सर्किट हाऊस में आयोजित जनसुनवाई और बैठक में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने आमजन के मानव अधिकारों से जुड़े 70 से अधिक प्रकरणों की सुनवाई की और मौके पर ही अधिकारियों से जवाब मांगे। विभिन्न प्रकरणों में अलग.अलग विभागों को समय सीमा देते हुए जवाब भिजवाने के निर्देश दिए। जन सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से संबंधित प्रकरणों में सुनवाई करते हुए व्यास ने कहा कि जिस भी स्तर पर प्रकरण लम्बित है वहां संबंधित को फोन कर जवाब मांगा जाए। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार मानव को सुरक्षित और सम्मानजनक परिस्थितियां प्रदान करने से जुड़े हैं और ऐसी परिस्थितियों का निर्माण जनकल्याणकारी प्रजातांत्रिक व्यवस्था का प्रथम दायित्व है, इसे ध्यान में रखते हुए सभी कार्यकारी एजेंसियां यह प्रयास करें कि मानव अधिकारों से जुड़े मामलों में जांच रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाए। व्यास ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि आयोग द्वारा जो भी पत्र और नोटिस विभागों को भेजे जाते हैं उनका निर्धारित समय में जवाब भिजवाया जाए। व्यास ने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षक के रूप में आयोग किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा। यदि कोई प्रकरण संबंधित विभाग का नहीं है अथवा प्रकरण में तुरंत राहत संभव नहीं है ऐसी परिस्थितियों में भी पत्रावली का जवाब तुरंत भिजवाएं। उन्होंने कहा कि जवाब मिलने से पब्लिक को एक राहत मिलती है और उनका भरोसा मजबूत होता है। व्यास ने कहा कि वे स्वयं हर जिले में जाकर विभिन्न विभागों में लंबित मानवाधिकार प्रकरणों की समीक्षा करेंगे और इस मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। इस दौरान जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि मानव अधिकार संरक्षण से जुड़े मामलों पर वे स्वयं और अन्य सभी विभाग अतिरिक्त गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ जवाब प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा, माध्यमिक शिक्षा सौरव स्वामी, ओमी पुरोहित सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। व्यास से आज ही इंटक नेता हेमंत किराडू, पृथ्वीराज रतनू, हिंगलाजदान रतनू सहित अनेक मिले।
70 से अधिक प्रकरण सुन मांगे जवाब, मानवाधिकारों के संरक्षक के रूप में आयोग की भूमिका रहेगी प्रोएक्टिव : व्यास