विश्व मृदा दिवस पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित, कुलपति ने कहा, मृदा के स्वास्थ्य की जांच जरूर करवाएं किसान 


 



 


बीकानेर, 5 दिसम्बर। विश्व मृदा दिवस के अवसर पर शनिवार को स्वामी केशवांनद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिसपोंसबिलिटी के तहत गोद लिए गए गुसाईसर गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए तथा इसकी आवश्यकता के बारे में बताया।
प्रो. सिंह ने कहा कि मृदा के स्वास्थ्य का प्रबंधन अनिवार्य है। यह मृदा की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के साथ उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता से भी जुड़ा विषय है। उन्होंने जीवांश को मृदा की आत्मा बताया तथा कहा कि पोषण तत्वों के संतुलन से ही किसान को आशातीत लाभ मिल सकता है। साथ ही रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग पर चिंता जताई तथा कहा कि किसान, विश्वविद्यालय द्वारा सुझाई गई तकनीकियों को अपनाएं। इससे उन्हें लाभ होगा तथा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलेगी। कुलपति ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा फरवरी 2015 में बीकानेर संभाग के सूरतगढ़ से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहला मृदा स्वास्थ्य कार्ड यहां से वितरित किया। तब से अब तक करोड़ों किसान इसका लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने सभी किसानों से मृदा के स्वास्थ्य की जांच करवाने का आह्वान किया, जिससे आवश्यक पोषक तत्वों का प्रबंधन करते हुए आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ धरा उपलब्ध करवा सकें। प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने कहा कि किसान मिट्टी और पानी की जांच समय पर करवाएं। इससे इनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा और गुणवत्तायुक्त उपज प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कम पानी वाली फसलें लेने का आह्वान किया तथा कहा कि बूंद-बूंद पानी बचाना आज की सर्वोच्च आवश्यकता है। किसानों को समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने की अपील की। अनुसंधान निदेशक डाॅ. पी. एस. शेखावत ने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक से लाभ हो, इसके मद्देनजर कृषि वैज्ञानिक सतत अनुसंधान में जुटे हैं। किसान, इन तकनीकों को समझें और अपनाएं। साथ ही दूसरे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करें। प्रसार शिक्षा के उपनिदेशक डाॅ. राजेश वर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया तथा गांव में विश्वविद्यालय द्वारा अब तक आयोजित की गई गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में गुसाईसर को आदर्श गांव बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डाॅ. दुर्गा सिंह, डाॅ. आर.के. जाखड़, डाॅ. मदन लाल रैगर तथा सरपंच राम कैलाश जाखड़ आदि मौजूद रहे।


वर्चुअल कांफ्रेंस सम्पन्न
देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्चुअल कांफ्रेंस शनिवार को सम्पन्न हुई। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने इसमें भागदारी निभाई। उन्होंने बताया कि अंतिम दिन केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री कैलाश चौधरी एवं श्री परूषोत्तम रूपाला, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डाॅ. त्रिलोचन महापात्रा के अलावा देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं आईसीएआर संस्थानों के निदेशकों ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न प्रकाशनों का लोकार्पण किया गया।