"दीवाना बनके आया बाबा तेरी नगरी में..", हवन यज्ञ में आहूतियों के साथ संगीतमय भक्ति में झूमे श्रद्धालु 


 



 



 



 



 


 


शांतम आश्रम में भैरव अष्टमी पर्व शिविर जारी 


उज्जैन। रुनझुन आओ म्हारा भेरुजी.., आ भैरू आ तुझे दिल ने पुकारा.., जय जय कार-भैरूनाथ की जय जयकार.., दीवाना बन के आया बाबा तेरी नगरी में.., हारे हारे हारे तुम हारे के सहारे..सरीखे एक से बढ़कर एक संगीतमय अनेक भजनों की प्रस्तुतियां राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, विद्यासागर, सिद्धि सम्राट, परम पूज्य गुरुदेवश्री डॉ वसंत विजय जी महाराज साहब के मुखारविंद से शांतम आश्रम को गुंजायमान कर रही है। भैरव अष्टमी पर्व के मद्देनजर संत श्रीजी की निश्रा में 8 दिनी जप-हवन साधना का यह शिविर यहां 21 फीट के ऐतिहासिक श्री नाकोड़ा भैरव देव जी की प्रतिमा के समक्ष प्रतिदिन रात्रि में धूमधाम से आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम में संतश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति की योग्यता सच्चाई व ईमानदारी से कर्म करते रहने पर श्रेष्ठ होती है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति सदैव सच्चे मन व ईमानदारी से ही करनी चाहिए। गुरुदेव श्रीजी ने कहा कि अंतर मन की शुद्धि से मुक्ति संभव है, इसमें वेश मायने नहीं रखता। मानवता को धर्म बताते हुए उन्होंने कहा कि क्रिया अपनी जगह है, मगर किसी भी पंथ संप्रदाय की बगैर उलझन के मानवता की पूजा करने वाला सबसे बड़ा धर्मात्मा होता है। उन्होंने कहा कि एक भक्त श्रद्धालु रोता है तो परमात्मा उसे गले लगाता है और संसारी व्यक्ति रोता है तो दुनिया उसके पांव खींचती है। जो सर्वोत्तम है वह स्वयं भगवान है। योग्यता को क्वालिटी व प्योरिटी को ही बेस बनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में हवन के लाभार्थी नासिक के गुरुभक्त हृतिका जयंत धारगलकर का तेजसिंह दरबार ने शॉल व माल्यार्पण कर सम्मान किया। इस दौरान देश के विभिन्न प्रांतों से आए गुरु भक्तों ने अपनी-अपनी गुरु भक्ति के चमत्कारिक अनुभवों साझा किया। शैलेंद्र प्रकाश तलेरा ने बताया कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज साहब के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर रात्रि 8:00 बजे से लिंक https://www.youtube.com/c/ThoughtYoga पर लाइव किया जा रहा है। संगीतकार देवेश जैन व संतोष परमार ने भी गुरु भक्ति की अनेक प्रस्तुतियां दी। सभी का आभार रितेश नाहर ने जताया।