इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन को 'सूर्यभूषण अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' से नवाजा




बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन को पुणे के विश्वविख्यात सुर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट की ओर से  'सूर्यभूषण अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। सूर्यदत्ता ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडिया की अध्यक्षता में सूर्यदत्ता के एक डेलिगेशन ने इसरो के बेंगलुरू मुख्यालय का दौरा किया, इसी दौरान डॉ. संजय चोरडिया के हाथों डॉ. के. सिवन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सूर्यदत्ता के कार्यकारी विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया और निदेशक प्रो. सुनील धाड़ीवाल इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ. के. सिवन ने इसरो की कई यादें संस्मरण साझा किये। डॉ चोरड़िया ने सूर्यदत्ता इन्स्टिट्यूट ऑफ सायंटिफिक रिसर्च के (एसआयएसआर) के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहने का निमंत्रण डॉ. के. सिवन को दिया गया। उन्होंने इसका सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हुए 2021 में होनेवाले इस समारोह में आने की अनुमति दी। डॉ. संजय चोरडिया ने कहा कि विश्वव्यापी प्रतिष्ठा का अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र, इसरो का दौरा करना बहुत खुशी की बात है। यह हम सभी सूर्यदत्ता परिवार के लिए गर्व की बात है। डॉ. के. सिवन से मिलकर उन्हे सम्मानित कर के 'सूर्यदत्ता' को भी गौरव महसूस हुआ। इस कार्यक्रम के दौरान, डॉ. के. सिवन का बहुमूल्य मार्गदर्शन मिला, जो हम सब के लिए प्रेरणादायक है। सूर्यदत्ता में छात्रों को समग्र विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की परंपरा है। हम स्कूली बच्चों के लिए विज्ञान में रुचि पैदा करने के लिए कई गतिविधियों को अंजाम देते हैं। छात्रों में नवीन सोच और अनुसंधान क्षमताओं को प्रोत्साहित किया जाता है। समाज में वैज्ञानिक संशोधन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। संस्थान के छात्रों के अलावा, महाराष्ट्र के अन्य स्कूलों के छात्र भी इसमें भाग लेते हैं। राज्य स्तरीय विज्ञान परियोजनाओं, वैज्ञानिक प्रदर्शनियों आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन सूर्यदत्ता संस्थान के बावधन परिसर में किया जाता है। इसरो की यादगार यात्रा का जिक्र करते हुए डॉ. चोरडिया ने बताया कि यात्रा के दौरान, सूर्यदत्ता प्रतिनिधियों को इसरो हेरिटेज सेंटर अँड म्युझियम दिखाया गया। डॉ संजय चोरड़िया ने बताया कि इसरो की शुरुआत एक छोटे से शेड के नीचे हुई, फिर बाद के समय में इतिहास बनाने वाली घटनाएं यहां पर हुई। डॉ. विक्रम साराभाई, प्रो. सतीश धवन, डॉ. कृष्णास्वामी कस्तुरीरंगन, डॉ. ए. किरण कुमार आदि लोगों ने इसरो को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली कर दी। यहां के संग्रहालय में इसरो के दिग्गज नेताओं के बारे में भी जानकारी दी गई। इसमें प्रसारण, संप्रेषण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन उपकरण, भौगोलिक सूचना प्रणाली, कार्टून, नेविगेशन, टेलीमेडिसिन, विशेष उपग्रह उत्पादों और उपकरण विकास संग्रहालयों  भी दिखाया गया है। डॉ संजय के मुताबिक यह यात्रा सभी प्रकार से यादगार थी।