रोडवेज के चालक, परिचालकों के यात्रा भत्ता बढाने की 35 वर्ष पुरानी मांग पूरी!


 


बीकानेर, 19 नवम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। रोडवेज के दैनिक बस संचालन में रहे चालक, परिचालकों को राजस्थान सरकार के यात्रा भत्ता नियमानुसार न देकर नाईट/आऊट/डे अलांस कम दिये जा रहे थे। इस मुद्दे को एटक युनियन द्वारा 1985 से मांग उठाई गई। मांग न मानने पर औद्योगिक न्यायालय, उच्च न्यायालय, डीबी, एकल खंड पीठ की सीढी दर सीढी धैर्यपूर्वक सफलता की लंबी लडाई लडऩे के बाद माननीय औद्योगिक प्राधिकरण द्वारा फैसला देते हुए रोडवेज प्रशासन को आदेश दिये कि चालक, परिचालकों को 02 अक्टूबर 1997 (गांधी जयंती) से नाईट/आऊट/डे अलांउंस यात्रा भत्ता संशोधित दरों से लागू कर भुगतान किये जायें और भविष्य में भी ये संशोधित करने के आदेश किये जायें। ये यात्रा भत्ता सकल वेतन के सलेब अनुसार लागू होने और पूर्व में मिले यात्रा भते की अंतर राशि का समायोजित बाद करमचारियों को लाभ मिलेगा। एटक के अध्यक्ष ओमप्रकाश गोदारा, श्यामदीन, कुलभुषण सिंह, रिटायर्ड करमचारियों की एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह राठौड़, सचिव गिरधारीलाल, जगतपाल हनुमंत मैहरा ने कहा कि इस न्यायालय आदेशों की पालना करने के आदेश अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जयपुर ने कर दिये हैं जिससे राजस्थान के हजारों सेवारत, सेवानिवृत्त चालक, परिचालकों करमचारियों को हजारों रुपए का आर्थिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यह करमचारियों की एकता की जीत है, इसके लिए सभी आगार स्तर पर बिल, रिकॉर्ड बनाने का युनियन स्तर से विशेष अभियान चलाया जायेगा, क्योंकि डिपोज पर स्टाफ  सभी जगह कमी है।