मानवता के बंधनों को मजबूत कर सेवा-भावी व्यक्तित्वों का सम्मान अनुकरणीय : पांडे


सूर्यदत्ता के 'सूर्यगौरव राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार' का वितरण


पुणे। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के सिनेट के सदस्य और नॅशनल युथ को-ऑपरेटिव सोसायटी के चेयरमैन राजेश पांडे ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना व लॉकडाउन के दौरान, लाखों लोगों ने भोजन और स्वास्थ्य देखभाल का काम सेवाभाव से किया। कोरोना की वजह से जातिगत भेदभाव को खत्म कर सेवा के महत्व पर जोर दिया गया। 
मानवता के बंधनों को मजबूत करने वाले इस सेवा-भावना से काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान हम सभी के लिए प्रेरक है। वे यहां सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट की और से दिये जानेवाले सूर्यगौरव राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार का वितरण अवसर पर बोल रहे थे। 'सूर्यगौरव अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' स्ट्रॅटेजिक फोरसाइट ग्रुप के सचिन इटकर, भाजपा की नेत्री श्वेता शालिनी, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की सरिता दीदी, पत्रकार राजू वाघमारे, उद्योगपति डॉ. दीपक तोष्णीवाल, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राजेश बाहेती को प्रदान किये गए वहीं 'सुर्यगौरव राष्ट्रीय पुरस्कार' राजेश पांडे, 'रक्ताचे नाते' संस्था के राम बांगड, 'जागृती ग्रुप' के राज देशमुख, कौशल्य विकास क्षेत्र के संजय गांधी, युवा सामाजिक कार्यकर्ता  किरण साली, जिला सूचना अधिकारी राजेंद्र सरग, 'उचित माध्यम' के संचालक जीवराज चोले को प्रदान किया गया। 'सूर्यदत्ता' के बावधन महाविद्याल के बन्सीरत्न सभागृह में आजोजित किये गये इस समारोह की अध्यक्षता 'सुर्यदत्ता' के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडियाने की। जबकि कार्यकारी संचालक प्रो.अक्षीत कुशल, मुख्य विकास अधिकारी रामचंद्रन सहित अनेक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी भी उपस्थित थे। इस दौरान राजेश पांडे ने कहा, युवाओं में बड़ी क्षमता है अगर उन्हें दिशा दी जाती है, तो उनके द्वारा बहुत सारे अच्छे काम किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के करीब 70,000 छात्रों द्वारा लगभग 35 लाख मास्क निर्माण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसके अलावा  'हरित वारी' उपक्रम के तहत व्यापक स्तर पर सफाई व विश्वविद्यालय में एक लाख वृक्षारोपण का कार्यक्रम हुआ है। सचिन इटकर ने कहा कि लॉकडाऊन की वजह से छोटा मोटा काम करनेवाले अनेक लोगों के बहुत बुरे हालात हुए। उस समय, ऐसे लोगों को कई धर्मार्थ व्यक्तियों और संगठनों ने सहारा दिया, ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करके, सूर्यदत्ता  परिवार ने सेवा का एक आदर्श उदाहरण दिया है। श्वेता शालिनी ने कहा कि सूर्य जैसे शाश्वत और प्रेरणादायी है, वैसे ही निस्वार्थ सेवाकार्य हम सब के लिए प्रेरणा देने वाला है। भारतीयों ने इस संकट का बहादुरी से सामना किया। लोग साथ आए और एक-दूसरे के साथ-सहयोग की भावना से संबंध बनाए रखा। डॉ. दीपक तोष्णीवाल, राम बांगड, सरिता दीदी, राजेंद्र सरग, राजेश बाहेती, राज देशमुख, संजय गांधी, जीवराज चोले आदि ने भी अपने-अपने प्रेरणादायक विचार रखे। डॉ संजय चोरडिया ने पुरस्कार समारोह की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. सुनील धनगर ने संचालन किया। रामचंद्रन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।