बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर का जगविख्यात सूक्ष्म व लघु उद्योग पापड़, भुजिया, बड़ी, रसगुल्ला इत्यादि रेडी टू इट केटेगरी उद्योग के खाद्य सुरक्षा अनुज्ञा पत्र (फूड लाईसेंस) 1 नवंबर से 2020 से दिल्ली से जारी करने प्रक्रिया को रूकवाने की मांग को लेकर बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मांग की है। मंडल के संरक्षक कन्हैयालाल बोथरा, अध्यक्ष रघुराज सिंह राठौड़, उपाध्यक्ष अनिल सोनी झूमरसा के अनुसार कि वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना ने सूक्ष्म और लघु उद्योगों की कमर तोड़ रखी है और दूसरी तरफ केंद्र सरकार इन उद्योगों को बंद करने के लिए नित नए नियम निकाले जा रही है। बोथरा, राठौड़ व सोनी ने बताया कि बीकानेर का पापड़, भुजिया, बड़ी व रसगुल्ले लघु उद्योग की श्रेणी में आते हैं। साथ ही इस उद्योग से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे। वर्तमान में कोविड-19 का दौर चल रहा है और पहले से ही लघु उद्योग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं और ऐसे हालातों में केंद्र सरकार द्वारा ऐसे नियम लागू करने से एक और भारी संकट व्यापारियों पर आ जाएगा।
उधर बीकानेर भुजिया-पापड़ मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि प्रोप्राइटरी फूड का मामला फिर गर्म हो गया है। एफएसएसएआई द्वारा अब जो फूड लाईसेंस बीकानेर में बनते थे वह अब 21 अक्टूबर 2020 तक ही बीकानेर में बनेंगे, उसके बाद 10 दिन तक वेबसाइट बंद रहेगी और 1 नवम्बर से यह लाईसेंस दिल्ली से बनवाना पड़ेगा। साथ ही जो पुराने लाईसेंस बने हुए हैं उनको 31 दिसम्बर 2020 तक दिल्ली में ही रिन्यू करवाना होगा। अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय व्यापारियों के हित में नहीं है।