कर्तव्य पालन मनुष्य का पहला लक्ष्य हो : पगारिया


 


आचार्यश्री को तीर्थ महिमा पुस्तक भेंटकर लिया आशीर्वाद


मैसूरु। श्रीसुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ के तत्वावधान में महावीर भवन में चातुर्मास कर रहे आचार्यश्री देवेशभव्यदर्शन सूरीश्वरजी व साध्वीवृंद भद्रिकाश्रीजी को मैसूरु संघ के गुरु भक्त मंडली की ओर से तीर्थ महिमा की पुस्तक वैराकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। इससे पूर्व  आचार्यश्री को गुरू वंदन कर तप व तपस्या की सुख साता पुछी गई। आचार्य देवेशजी ने तीर्थो की परिभाषा समझाते हुए कहा कि गुरु भी जंगम तीर्थ के समान होते हैं, जो पैदल विहार कर भक्तो को गुरु वाणी सुना कर दर्शन देते हैं। जैन शास्त्रों में चातुर्मास के दरम्यान कोविड -19 होने की वजह से भाव दर्शन एवं अखबार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रवचन ग्रहण करने की बात कही। इस अवसर पर सुमति नाथ जैन संघ के ट्रस्टी हंसराज पगारिया ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा कि संसार से हमें मोह रूपी पट्टी को हटाना होगा, संसार में जितने भी जीव है सब अपने स्वास्थ्य के लिए दुखी होते हैं। उन्होंने कहा कि सच्चा साथी तो हमारी केवल एक आत्मा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए, उस पर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। पगारिया ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति कार्य करने के बाद अभिमान कर लेता है उसका वह कार्य बेकार हो जाता है इसलिए हमें अपने कार्य को संपादित करने के बाद घमंड कदापि नहीं करना चाहिए।
श्रीसुमतिनाथ नवयुवक मंडल के अध्यक्ष प्रवीण लुंकड़, सद्स्य ललित राठोड़, सुविधिनाथ राजेन्द्रसूरी ट्रस्ट मंडल के उपाध्यक्ष अरविंद भंडारी, ट्रस्टी नरेंद्र मलाणी, श्रीपार्श्व पद्मावती ट्रस्ट के अध्यक्ष दलीचंद श्रीश्रीमाल, सद्स्य महावीर भंसाली, मोहन लाल बोहरा, सोहन लाल संघवी, जैन जागरण मंच के सचिव जयंतीलाल कागरेचा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। साथ ही जयकारों की गूंज करा कर महावीर स्वामी व गुरु भगवंतो की शासन की शोभा बढाई।