विश्व के कई देशों में मानव सेवा की अलख जगाने वाले स्वामी कृष्णानंदजी परम्परा के युगांतरकारी विश्व विभूति थे : रामेश्वरानंद


 



 


छोटीकाशी डॉट पेज। बीकानेर। समीपवर्ती जिले के दासोड़ी गांव में जन्मे स्वामी कृष्णानंद सरस्वती ने विश्व के कई देशों में मानव सेवा की अलख जगायी थी। वे विलक्षण युगांतरकारी विश्व विभूति थे। उक्त उद्गार रविवार को जयनारायण व्यास कॉलोनी के कृष्ण कल्याण कुंज में आयोजित स्वामी कृष्णानंद जी सरस्वती की 28 वीं पुण्यतिथि पर ब्रह्म गायत्री सेवाश्रम के अधिष्ठाता पं. रामेश्वरानंदजी पुरोहित ने कहे। मौका था भारतीय सेवा समाज, डालमिया चैरिटेबल ट्रस्ट, स्वामी कृष्णानंद फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का। इस अवसर पर कृतज्ञ नगर ने उनकी मानवता की सेवा में संसार भर में किये गये कार्यो का पुण्य स्मरण किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी, विचारक व लेखक साहित्यकार भंवर पृथ्वीराज रतनू ने की। बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में मौजूद ठाकुर महावीर सिंह तंवर, राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव पृथ्वीराज रतनू समेत अन्य अतिथियों ने सर्व प्रथम स्वामी कृष्णानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं दीप रोशन किया। स्वागत भाषण राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अधिकारी हिंगलाज दान रतनू ने दिया। राजस्थान में स्वामीजी द्वारा आरम्भ किये गये सेवा कार्यो को विस्तार से कैलाश सिंह रतनू ने बताया कि आज पूरे विश्व में जहाँ जहाँ स्वामी जी के सेवा केन्द्र है उन सब जगह् उनका पुण्य स्मरण किया जा रहा है। उसी कङी में स्वामी कृष्णानंद चिकित्सालय दासोङी, स्वामी कृष्णानंद वाचनालय दासोङी एवं स्वामी कृष्णानंद मार्ग जयनारायण व्यास कालोनी स्मारकों पर भी उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए। इस अवसर पर विचार रखने वाले अन्य वक्ताओं में डॉ एम एल जांगिड़, नंदलाल सिंह शेखावत, ओ.पी.शर्मा, साहित्यकार राजेन्द्र जोशी, अमर सिंह भाटी, भंवर सिंह राठौड़ भेळू, सुनील प्रजापत, पूर्व आरएएस प्रभूदान चारण, वन सेवा के अधिकारी एस.के.डी चारण सहित अनेक शामिल थे। धन्यवाद ज्ञापन सवाई सिंह रतनू ने दिया।