भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर भारत सरकार द्वारा द्रुतगति से सार्वजनिक क्षेत्रों/रेलवे के निगमीकरण एवं निजीकरण के विरोध में बीकानेर के डीआरएम दफ्तर के समक्ष उत्तर-पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ की लालगढ़ कार्यशाला शाखा, बीकानेर मेन शाखा एवं मंडल कार्यकर्ता, सदस्यगणों की ओर से प्रदर्शन किया गया। उत्तर-पश्चिम रेलवे के महामंत्री अजय कुमार त्रिपाठी भी इस मौके पर उपस्थित थे जिन्होंने इस विषय पर भारत के पीएम के नाम ज्ञापन डीआरएम को प्रेषित किया। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा सार्वजनिक एवं सरकारी उपक्रमों यथा रेलवे, पोस्टल, डिफेंस, कोल, नॉन-कोल, माईनिंग, बैंकिंग, बीमा, स्टील, शिपिंग, टेलीकॉम, ऑयल, पॉवर ग्रिड, एफसीएल, गेल, भेल, नाल्को, एनएलसी, एचएएल, आईटीआई, बीडीआई, एनटीपीसी की अरबों-खरबों रुपयों की सम्पत्तियां जो पिछले 70-72 वर्षों की कड़ी मेहनत से अर्जित की गयी है निजी हाथों में चली जाएगी और इस प्रकार देश को भारी आर्थिक नुकसान होगा तथा साथ ही सरकारी नौकरियों के सभी संभावनाएं समाप्त जाने के फलस्वरुप बेरोजगारी बढ़ेगी, जो किसी भी प्रकार से देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल में चल रहे कोरोना महामारी रोकथाम में सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर अनुकरणीय कार्य किया लेकिन निजी क्षेत्र कहीं भी दिखायी नहीं दिया और अपने कार्यों को बंद करके उनके वहां कार्यरत मजदूरों का प्रवासी बना दिया, जिससे भयंकर समस्या उत्पन्न हुई। मण्डल मंत्री हनुमानदास ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आजादी से पहले से चले आ रहे श्रम कानूनों को निष्क्रिय/समाप्त करने जा रही है, इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं, क्योंकि जब मजदूरों के लिए कोई नियम-कानून ही नहीं रहेंगे तो, बंधुआ मजदूर हो जाएंगे। भामसं के जिलाध्यक्ष शिवकुमार व्यास ने कहा कि हम सरकार की उक्त नीतियों का अंतिम सांस तक विरोध करेंगे और सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार कर संशोधन करने पर मजबूर करेंगे।
रेलवेकर्मियों ने किया निगमीकरण-निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन, नारेबाजी