"कोरोना का ग्राफ 20 जुलाई तक रहेगा उफान पर.." / ग्रह-गोचर के मुताबिक 26 सितंबर से कोविड प्रकोप थमने के संकेत

 

ज संपूर्ण विश्व का ध्यान सिर्फ़ कोरोना पर केंद्रित है। यह जानने की जिज्ञासा हर व्यक्ति के मन में है कि ग्रहण का प्रभाव भारत और विश्व पर क्या होगा और क्या ग्रहण के पश्चात करोना ख़त्म हो जाएगा? 21 जून को होने वाले सूर्यग्रहण के परिपेक्ष में इस विषय पर ज्योतिषीय विश्लेषण के मुताबिक यह कंकंण सूर्य ग्रहण भारत के अलावा एशिया, युरोप व अफ्रीका के बहुत से क्षेत्रों में दिखा। इस ग्रहण  के समय भारत में सिंह लग्न व कन्या लग्न में मिथुन राशि में एकादश व दशम स्थान पर और दशम नवम स्थान पर यह ग्रहण घटित हुआ। इस समय मेश राशि में युरेनस, वृषभ राशि में स्वग्रही शुक्र, मिथुन राशि में सूर्य, चंद्र, बुध राहू की युति, धनु राशि में केतू और प्लूटो, मकर राशि में शुक्र, शनि की युति तथा मीन राशि में मंगल था । इसमें सूर्य पीङित, चंद्रमा अस्त, बुध, गुरू, शुक्र , शनि, राहू, केतू  छह ग्रह वक्री गति के रहे। चार ग्रहों की युति के साथ शनि की तृतीय दृष्टि मंगल पर, गुरू की पंचम दृष्टि शुक्र पर व मंगल की चतुर्थ दृष्टि सूर्य,चंद्र ,बुध ,राहू पर रहेगी ।

वृहतसहिंता के अनुसार मिथुन राशि में होने वाले ग्रहण का फल उपर्युक्त वर्णित है।

 

 

मिथुन राशि कालपुरूष की कुंडली में श्वसन प्रणाली की द्योतक है, तृतीया भाव व मिथुन राशि मनुष्य के विचार करने की क्षमता, मानसिक झुकाव, इत्यादि को इंगित करती है। चतुर्थ भाव व कर्क राशि, क्योंकि आम जनता को इंगित करती है इसका द्वादश स्थान मिथुन राशि ही है जो जन हानि की ओर संकेत दे रही है। राहु जो वायरस, बैक्टीरिया, विषैले जीव जंतु व कीट पतंगों पर अधिकार रखता है उसने सूर्य जो नैसर्गिक स्वास्थ्य व आरोग्य का कारक है उसे पीडित करके कमज़ोर बना रहा है, अतः जनता की रोग प्रतिरोध क्षमता क्षीण होगी व वायरस का प्रभाव उसकी श्वसन प्रणाली पर होगा। साथ में बुध और चंद्रमा भी पीडित हुए हैं जिससे जनता की स्नायु प्रणाली और परिसंचरण प्रणाली भी कमज़ोर होगी। कुल मिलाकर 21 जून, 2020 के बाद कोरोना वायरस तीव्र गति से बढेगा और यह वृद्धि 20 जुलाई तक जारी रहेगी। क्योंकि मिथुन राशि हाथों की भी कारक है अतः स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना होगा। 

 

अब प्रश्न यह उठता है कि कोरोना वायरस का संपूर्ण इलाज कब संभव होगा ? यह निर्मूल नष्ट कब होगा ? इस विषय में सभी ज्योतिषियों का अलग-अलग मत है। परंतु मेरी गणनानुसार 12 सितंबर, 2020 को गुरू ग्रह का धनु राशि में मार्गी होना, 23 सितंबर 2020 को राहू का वृषभ राशि में प्रवेश, 26 सितंबर,2020 को शनि का मकर राशि में मार्गी होने से वर्तमान परिस्थितियों में ही परिवर्तन संभव है। इसलिए 26 सितंबर, 2020 के पश्चात कोरोना के मामलों में कमी आने लगेगी। इसी समय, कोरोना की दवा बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है और अप्रैल, 2021 के बाद, कोरोना विश्व से पूर्णतः समाप्त हो जाएगा और विश्व की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक गतिविधियाँ सामान्य हो जाएंगी। 

 

-पं. जेके वशिष्ठ, ज्योतिर्विद-बीकानेर.