अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में मंत्री बिश्नोई बोले ; वन्यजीवों की रक्षार्थ होंगे हरसंभव समुचित उपाय


बीकानेर 5 जून (छोटीकाशी डॉट पेज)। गुरू जम्भेश्वर पर्यावरण संरक्षण शोधपीठ, जोधपुर और जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में तीन से पांच जून तक वैश्विक पर्यावरण की वर्तमान चुनौतियां, जैव विविधता और श्री गुरू जम्भेश्वर जी के सिद्धान्त एवं समाधान विषयक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। अकादमी की उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रा विश्नोई ने बताया कि वेबिनार में देश विदेश के लगभग तीन हजार शिक्षाविदों, पर्यावरण विदों, कवियों एवं और शोधार्थियों ने भाग लिया। राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विश्नोई समाज के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वन्य जीवों की हर सम्भव रक्षा किये जाने के समूचित उपाय किये जायेगें। सुखराम ने कोरोना संकट पर गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए सभी से आह्वान किया कि इससे उबरने में पर्यावरण संरक्षण अत्यावश्यक है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जोधपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी सी त्रिवेदी ने भी पर्यावरण संरक्षण की महती आवश्यकता पर बल दिया। समाजसेवी राजाराम धारणिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। साहित्य अकादमी के सचिव डॉ सुरेन्द्र खीचड़ ने बताया कि तीन दिवसीय इस वेबिनार में विभिन्न वक्ताओं एवं अतिथियों से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी को संकलित करके उच्च स्तर पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जायेगें जिससे कि पर्यावरण संरक्षण के विषय में ठोस जानकारी सरकार एवं अन्य संस्थाओं को उपलब्ध हो सकेगी। वेबिनार में दुबई के आर.के.बिश्नोई, अकादमी के बनवारी लाल साहू, संरक्षक डॉ सरस्वती विश्नोई, जोधपुर के जेताराम विश्नोई की प्रमुख भूमिका रही। डूंगर महाविद्यालय के डॉ राजेन्द्र पुरोहित ने खेजड़ी वृक्ष की औषधीय महत्ता पर प्रकाश डाला।