जयपुर। (छोटीकाशी ब्यूरो)। विश्वस्तरीय हेल्प इंडिया ऑनलाइन संस्थान के ऊर्जावान एवं डायनेमिक फाउंडर डॉ जगदीश पारीक (जेपी) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मेटास्कील एवं न्यूरोसाइंस के मास्टर कोच व एशिया के पहले मेटा स्किल न्यूरोसाइंस रिसर्च सेंटर (जो हिमाचल सरकार के साथ काम कर रहा है) के निदेशक डॉ जगदीश पारीक ने अब तक करीब 2,35,000 लोगों को इसकी ट्रेनिंग भी दे दी है। मुख्य रूप से डॉ जेपी का मूल मंत्र भारत को विश्व गुरु कैसे बनाएं उस पर व्यापक स्तर पर कार्य करना है। जेपी ने इसके लिए सबसे पहले अमेरिका में संचालित हो रही मदद के पोर्टल गौ फंड मी के तर्ज एक पोर्टल का निर्माण तैयार किया, जिसमें आर्थिक अभाव में जूझ रहे लोगों की मदद करना मुख्य लक्ष्य था। इसके लिए सदस्यों से 1-2 रुपये की मदद लेकर एक परिवार की मदद की जाती, लेकिन बाद में देखा कि शिक्षा के अभाव में उनको टिगेट रेज करने में दिक्कत हो रही है तथा गलत आवेदन भी ज्यादा आते है तो उन्होंने मदद के साथ शिक्षा, रोजगार, प्रिवेंटिव हेल्थ व एम्प्लॉयमेन्ट के लिए व्यापक स्तर पर विश्वस्तरीय एक अभिनव कार्य करने की सोची। डॉ जेपी ने हेल्प इंडिया ऑनलाइन संस्थान के बैनर तले सामाजिक, शिक्षाविद, चिकित्सक, कानून के जानकार तथा IT क्षेत्र के लोगों का एक समूह बनाया तथा संस्थान की वर्किंग कमेटी का निर्माण किया। कार्यक्रम चलते रहे रजिस्ट्रेशन के एक साल में 25 सामाजिक कार्यक्रम हो गए, 35 से ज्यादा ट्रेनिंग, महाराष्ट्र के नासिक में विश्व रिकॉर्ड वाले घूमर कार्यक्रम में 5000 महिलाओं के नृत्य के साथ संस्थान की गतिविधियां बताई गई। इसी बीच मदद के लिए आवेदन करने वाले 550 जनो को मदद पहुंचाई गई जो अधिकतम ₹2 लाख की राशि तक है। वर्तमान में प्रिवेंटिव हेल्थ कोच बनाने के उद्देश्य से वर्किंग कमेटी ने 10 रुपये आजीवन सदस्यता शुल्क तय कर दिया है तथा 1 करोड़ लोगों को प्रिवेंटव हेल्थ कोच बनाने के लिए डिजिटल कोर्स व इ-लर्निंग के विषय तैयार किए गए है। देश का पहला कम्युनिटी बेस्ड रोजगार पोर्टल जो अपस्किल व रिस्किल मॉडल पर कार्य करता है। संस्थान की ही देन है कि लॉक डाउन में डिजिटल शिक्षा का सभी को लाभ मिले इसको लेकर 10000 ई लर्निंग के प्रोफेशनल कोर्सेज के अलावा एनसीईआरटी के माध्यमिक तक के पाठ्यक्रम को फ्री में बच्चो तक पहुंचाया जा रहा है। हेल्प इंडिया ऑनलाइन संस्थान के द्वारा इस वैश्विक महामारी कोरोना के समय पूरे भारतवर्ष में नए प्रयोग के द्वारा अनेक सामाजिक कार्य किए गए संस्थान के द्वारा अब तक 175000 लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के द्वारा निरोगी काया अथवा प्रीवेंटिव हेल्थ की ट्रेनिंग अनेक विशेषज्ञों के द्वारा करवाई गई। साथ ही संस्थान ने वैश्विक महामारी में सामाजिक कार्य किस प्रकार करें उसका एक अनूठा प्रयोग किया। भारत वर्ष में तो 988 पुलिस थानों में पुलिस बूथ को सेनिटाइजर किया गया तथा 204 सेनिटाइजर मशीन भेंट की गई। 235000 घरों में निर्मित मास्क को प्रशासन में भेंट किए गए जिसमें पुलिस, सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता, पुलिस कमिश्नरेट, सैन्य अधिकारी तथा पुलिस थानों व बूथ मुख्यतः थे। भारत वर्ष में 295000 हज़ार घर में निर्मित भोजन पैकेट एवं सूखा राशन के पैकेट 29000 लोगो को 20 दिनों तक नियमित तौर पर दिया गया। संस्थान के द्वारा जागरूकता एवं सोशल डिस्टेंस के मैसेज सोशल मीडिया के मार्फत व सेविजनो के द्वारा करवाया गया। सदस्यो के द्वारा ऑनलाइन पोर्टल से जमा राशि को 6 उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थानों को दी गयी।
हेल्प इंडिया ऑनलाइन संस्थान के द्वारा 19 राज्यों के 134 जगह इसी तरह का अभियान वर्तमान में चल रहा है।
संस्थान के रचनात्मक, सामाजिक सरोकारों, रोजगारपरक, शिक्षा-स्वास्थ्य एवं व्यावसायिक कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी को जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अवगत करवाया है।
नायाब व्यक्तित्व ; हेल्प इंडिया का यंग एंड डायनेमिक कोरोना वीर डॉ जगदीश पारीक