बैड पॉलिटिक्स की भेंट चढ़ गए चूरू-सादुलपुर के थानाधिकारी विष्णु दत्त बिश्नोई! , 


सुसाइड नोट में पिता से माफी मांगी..
क्या राजस्थान में राजनीति और अपराध का गठजोड़ है।
गृह विभाग की कमान सीएम अशोक गहलोत के पास है। थाने के बाहर हजारों की भीड़..


न्यूजडेस्क। 23 मई को राजस्थान पुलिस के लिए दु:खद दिन ही कहा जाएगा बीकानेर संभाग में पुलिस के ईमानदार और दबंग अधिकारी माने जाने वाले चूरू जिले के सादुलपुर-राजगढ़ के थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की खबर के तुरंत बाद एडवोकेट गोवर्धन सिंह का बयान सामने आया है। सिंह का कहना है कि बिश्नोई बेड पॉलिटिक्स की भेंट चढ़ गए है। गोवर्धन सिंह ने विष्णुदत्त विश्नोई के साथ सोशल मीडिया पर हुई चैट भी सार्वजनिक की है। जिसमें बिश्नोई ने कहा कि वे बेड पॉलिटिक्स के शिकार हो रहे है। बिश्नोई ने स्वीकार किया कि सादुलपुर के थानाधिकारी के पद पर रहते हुए दबाव महसूस कर रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष तौर पर काम करना मुश्किल हो रहा है। एडवोकेट सिंह ने कहा कि बिश्नोई की आत्महत्या के प्रकरण में पुलिस के उच्च अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। बिश्नोई एक जांबाज पुलिस अधिकारी थे। इसलिए आत्महत्या के कारण सामने आने चाहिए। वहीं चूरू से भाजपा सांसद राहुल कस्वां और नोखा से भाजपा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजनीति और अपराध का जो गठजोड़ है उसी का परिणाम है कि एक ईमानदार थानाधिकारी को आत्महत्या करनी पड़ी है। जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि पुलिस के कौन से अधिकारी बिश्नोई को राजनीतिक कारणों से तंग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्महत्या प्रकरण की निष्पक्ष जांच अब राजस्थान पुलिस के द्वारा संभव नहीं है। इसलिए सीबीआई जांच करवाई जाए। सादुलपुर से कांग्रेस की विधायक कृष्णा पूनिया ने सीबीआई जांच की मांग तो नहीं की, लेकिन निष्पक्ष जांच की मांग जरूर की है। पूनिया ने माना कि बिश्नोई एक दबंग और ईमानदार अधिकारी थे। ऐसे अधिकारी द्वारा आत्महत्या करना दु:खद है। वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने मांग की कि पूरे घटनाक्रम की जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज से करवाई जाए। उन्होंने मृतक के परिजन को डेढ़ करोड़ रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग भी की। राठौड़ ने भी माना कि चूरू जिले में अपराधियों का बोलबाला है। 22 मई को ही शराब के ठेके के बाहर सरे आम एक व्यक्ति को पेशेवर अंदाज में गोली मार दी गई थी। 


थाने के बाहर हजारों की भीड़..
बिश्नोई के आत्महत्या करने की खबर का पता चलते ही सादुलपुर थाने के बाहर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। नाराज लोगों का आरोप रहा कि बिश्नोई को आत्महत्या के लिए विवश किया गया है। इसलिए पहले दोषी अधिकारियों और उनके पीछे खड़े राजनेताओं की गिरफ्तारी होनी चाहिए। सादुलपुर के बिगड़ते हालातों को देखते हुए डीजीपी भूपेन्द्र यादव के निर्देश पर एडीजी राजीव शर्मा और बीकानेर रेंज के आईजी जोश मोहन को मौके पर पहुंच गए। 


पिता से माफी मांगी..
बीकानेर रेंज के आईजी जोश मोहन ने बताया कि थानाधिकारी बिश्नोई ने अपने सुसाइड नोट में पिता से माफी मांगी है। लेकिन आत्महत्या के पीछे राजनीतिक कारणों का कोई जिक्र नहीं किया है। वहीं इस पूरे मामले में सीएम अशोक गहलोत ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब की है। उल्लेखनीय है कि गृह विभाग सीएम गहलोत के पास ही है। सीएम गहलोत इस मामले में जल्द और सख्त कार्यवाही के इच्छुक बताए जाते हैं। 
(साभार ; एसपी.मित्तल)