कोरोना वायरस # क्यों निकले हम घर से आखिर क्या जरूरत आन पड़ी? 


यह जान कर भी अंजान बने कि बाहर हवा जहरीली है, इन हवाओं से टक्कर लेने की क्या जरूरत आन पड़ी?


यह मान लिया हमने कि तुम हो बहादुर, फिर छुपकर वार करने वाले कायर (कोरोना) से लड़ने की क्या जरूरत आन पड़ी?


भटकने के लिए पड़ी है पूरी जिंदगी, फिर बेवजह मौत के मुंह में जाने की क्या जरूरत आन पड़ी?


घर परिवार तुम्हारा है बड़ा प्यारा, आखिर उनको भी खतरे में डालने की क्या जरूरत आन पड़ी?


एडवोकेट मुकुंद व्यास
बीकानेर