जगतपुरा के श्री कृष्ण बलराम मंदिर में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव मनाया गया






ठाकुरजी का विशेष श्रृंगार किया गया एवं 1500 आम से मंदिर के गर्भ गृह में विशेष झांकी सजाई गई

जयपुर। श्री कृष्ण बलराम मंदिर, जगतपुरा में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव मनाया गया। उल्लेखनीय है कि यह एक विशेष त्यौहार है इसमें दूध, दही और पोहा (चिड़वा) से विभिन्न व्यंजनों  को तैयार करके ठाकुरजी को भोग लगाया जाता है। इस अवसर पर ठाकुरजी का विशेष श्रृंगार किया गया एवं 1500 आम से मंदिर के गर्भ गृह में विशेष झांकी सजाई गई। प्राचीन वृंदावन के 6 गोस्वामी में से एक रघुनाथ दास गोस्वामी, आज ही के दिन भगवान को इस प्रकार का विशेष भोग लगाते हैं एवं भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं।

यह पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास पानीहाटी नाम के एक गाँव में पहली बार श्री नित्यानंद प्रभु के साथ श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी की मुलाकात के उपलक्ष्य में पानीहटी चिड़ा-दही उत्सव मनाया जाता है। श्रील रघुनाथ दास को नित्यानंद प्रभु से दंड मिला कि उनको यहाँ आये सभी हजारों भक्तो के लिए चिड़ा-दही प्रसादम की व्यवस्था करनी है यह सुनकार श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी अत्यधिक प्रसन्न हुए और अत्यधिक मात्रा चिड़ा-दही प्रसादम व्यवस्था की एवं भगवान को भोग लगाया तब से इस त्योहार को दंड महोत्सव (दंड का त्योहार) के रूप में भी जाना जाता है। यह ज्येष्ठ (मई-जून) के महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। 

मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दासजी ने बताया कि मंदिर परिसर में एक विशेष कुंड का निर्माण किया गया, जहां पर भगवान को पालकी से ले जाया गया एवं जलविहार व पंचामृत अभिषेक किया गया साथ ही महाआरती एवं महासंकीर्तन का आयोजन भी किया गया। इस पूरे कार्यक्रम को मंदिर के ऑफिशियल फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल हरे कृष्ण जयपुर पर लाइव के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया  गया। मंदिर में पाण्डव निर्जला एकादशी के अवसर पर 11 जून को जप-मैराथन आयोजित किया गया। इसमें पुरे भारत से सैकड़ों भक्तो ने भाग लिया और हरे कृष्ण महा मंत्र “हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे” की 64 से अधिक मालाये की व पूरे दिन उपवास रखा। सभी भक्तों को प्रमाण पत्र दिया गया।