विलक्षण विवि है जैन विश्वभारती संस्थान : कुलाधिपति व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल








जयपुर/लाडनूं, 13 मई (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। जैन विश्वभारती संस्थान के नवनियुक्त कुलाधिपति एवं भारत सरकार के केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संस्थान के महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान.समारोह को सम्बोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि जैन विश्वभारती संस्थान एक विलक्षण विश्वविद्यालय है। यहां जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाती है और विद्यार्थी के लिए आदर्श जीवन का मार्ग प्रशस्त किया जाता है। यह अभिनंदन एवं स्वागत समारोह उनके कुलाधिपति पद पर नियुक्त होने के बाद पहली बार विश्वविद्यालय पहुंचने पर आयोजित किया गया। अर्जुनराम ने गणाधिपति आचार्य तुलसी के जीवन.दर्शन पर आधारित अपने संस्मरणों को सभी के साथ साझा करते हुए एक कहानी और रेलयात्रा के सम्बंध में दूसरी कहानी प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को अपशब्दों का प्रयोग नहीं करने एवं किसी के साथ धोखा नहीं करने की प्रेरणा प्रदान की। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री व कुलाधिपति मेघवाल को शॉल प्रतीक चिह्न, साहित्य एवं नियुक्ति पत्र प्रदान करके कुलपति प्रो बच्छराज दूगड़ व अतिथियों ने सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में प्रोफेशनल्स का ही नहीं बल्कि मानव का निर्माण किया जाता है। यह मूल्य केन्द्रित संस्थान है। यह विश्व में पहला विश्वविद्यालय है, जहां अनुशास्ता का पद वैधानिक तौर पर है और अनुशास्ता के रूप में धर्मसंघ के आचार्य विश्वविद्यालय पर अनुशासन का अंकुश रखते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के अब तक रहे कुलाधिपतियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि अर्जुनराम मेघवाल के नियुक्त होने से यह विश्वविद्यालय गौरवान्वित है।

प्रख्यात लेखक एवं प्रेरक वक्ता नन्दीतेश निलय ने बताया कि वे जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय से मंत्रमुग्ध हैं। यह अद्भुत विश्वविद्यालय है, जहां मूल्यों को स्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। जैन विश्वभारती के सहमंत्री जीवणमल मालू, जैन विश्वभारती के पूर्व अध्यक्ष धर्मचंद लूंकड़ व समाजसेवी केवलचंद मांडोत चैन्नई विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचस्थ थे। कार्यक्रम का प्रारम्भ मुमुक्षु बहिनों के मंगलाचरण, हर्षिता एवं साथी के स्वागत गीत एवं प्रो नलिन के. शास्त्री के स्वागत वक्तव्य के साथ किया गया। अंत में प्रो आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने आभार ज्ञापित किया।