नाको ने कार्मिकों को दिया एक दिन का ब्रेक, बीकानेर में भी कर्मचारियों ने किया एक साथ विरोध !







बीकानेर, 1 अप्रैल। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) नई दिल्ली द्वारा भारतवर्ष में एड्स रोगियों के जांच, परामर्श एवं उपचार हेतू बीते 15 वर्षों से अधिक समय से विभिन्न उपक्रमों का संचालन किया जाता है। एआरटी सेंटर, आईसीटीसी, एसटीआई, पीपीटीसीटी, डेपकू इत्यादि कम्पानेंट में लगभग 30 हजार कार्मिक कार्य कर रहे हैं। राजस्थान के लगभग 700 कर्मचारी एड्स विभाग में 15 सालों से न्यूनतम वेतन पर कार्यरत है, इन कार्मिकों को किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं दिया जा रहा है तथा निरंतर प्रतिवर्ष इनके बॉण्ड भरवाए जाकर इनकी सेवा का विस्तार किया जाता है, इसके विपरीत एनएचम, आरएनटीसीपी व अन्य कई कार्यक्रमों में कार्मिकों से इस तरह के वार्षिक बॉण्ड नहीं भरवाए जाते है एवं उनकी वार्षिक सेवावृद्धि कर दी जाती है। कर्मचारी का आरोप है कि नाको द्वारा माह मार्च में तानाशाही रवैया अपनाते हुए समस्त कार्मिकों को एक दिन का ब्रेक (1 अप्रैल 2022) देते हुए 2 अप्रैल से इनकी सेवाओं का विस्तार किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। समस्त एड्स कार्मिकगण राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी जिला बीकानेर के कार्मिकों ने शुक्रवार को विरोध जताते हुए कलेक्टर के माध्यम से नाको को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में बतलाया कि नाको द्वारा उठाया गया यह कदम पूरी तरह से कार्मिकों के मानवाधिकार के विरुद्ध है। नाको द्वारा लगातार कार्मिकों का शोषण किया जा रहा है। वर्ष-2020 में केंद्र के मेडिकल ऑफिसर्स का वेतन पुनरीक्षण करते हुए मूल वेतन में 45 प्रतिशत वृद्धि तथा अनुभव के आधार पर वर्षवार वार्षिक वेतनवृद्धि अतिरिक्त की गयी किंतु अन्य कार्मिकों के साथ भेदभाव करते हुए अन्य कार्मिकों का वेतन पुनरीक्षण आज तक नहीं किया गया।