भारत का पहला ‘विश्व शांति केंद्र’ दिल्ली-एनसीआर में स्थापित होगा : आचार्य लोकेशजी








-सरकार ने विश्व शांति केन्द्र हेतु अहिंसा विश्व भारती संस्था को भूखंड आबंटित किया 


-मोतीलाल ओसवाल टॉवर मुम्बई में विश्व शांति केन्द्र परियोजना पर महत्वपूर्ण बैठक 


मुम्बई। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रख्यात जैनाचार्य शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी द्वारा स्थापित अहिंसा विश्व भारती संस्था भारत का पहला विश्व शांति केंद्र गुरुग्राम में स्थापना करने जा रही है। इसके लिए संस्था को हरियाणा सरकार ने दिल्ली-जयपुर हाइवे से सटे गुरुग्राम के सैक्टर 39 में मेदान्ता हॉस्पिटल के सामने भूखंड आबंटित किया है। अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने बताया कि संस्था इस भूखंड पर शीघ्र ही वर्ल्ड पीस सेंटर (डब्लूपीसी) का निर्माण शुरू करेगी। मोतीलाल ओसवाल ग्रुप के मुम्बई स्थित मुख्यालय पर जैन समाज के प्रबुद्ध जनों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसमें दिल्ली-एनसीआर में अहिंसा विश्व भारती द्वारा स्थापित किए जा रहे विश्व शांति केन्द्र की परियोजना गहन चर्चा हुई। पूज्य आचार्य लोकेशजी के सान्निध्य एवं मोतीलाल ओसवाल, पृथ्वीराज कोठारी, अभय श्रीश्रीमाल, श्रीमती मधु जैन, किशोर खाब्या, प्रकाश कानूगो, घेवरचंद सिंघवी, अशोक शाह, मनोज मेहता की उपस्थिति में सम्पन्न हुई चर्चा में जैन दर्शन सिद्धांतों के विश्व व्यापी प्रचार प्रसार व जैन एकता पर पूज्य आचार्यश्री व समाज के प्रबुद्ध जनों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।समाज के सभी वरिष्ठ जनों ने विश्व शांति केन्द्र परियोजना की तहेदिल से सराहना करते हुए अपना सहयोग व समर्थन व्यक्त किया। इस अवसर पर शांतिदूत आचार्य डॉ लोकेशजी ने बताया कि ‘विश्व शांति केंद्र’, विश्व में शांति व सद्भावना की स्थापना के लिए कार्य करेगा। गुरुग्राम के इस केंद्र की आवाज़ संयुक्त राष्ट्रसंघ व वर्ल्ड रेलीजन पार्लियामेंट तक सुनाई देगी। उन्होने बताया कि प्राचीन ज्ञान व आधुनिक विज्ञान के समन्वय से तैयार पीस एजुकेशन के कार्यक्रम विद्यार्थी, अध्यापक, युवान, महिला, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, व्यापारी, किसान आदि हर वर्ग के लिए संचालित होंगे। आचार्य लोकेशजी ने बताया कि एक ओर जहां शिक्षा विभाग शारीरिक व बौद्धिक विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहा है, वहीं विश्व शांति केंद्र जनता के मानसिक, भावनात्मक और चारित्रिक विकास के लिए समर्पित रहेगा। आचार्य लोकेशजी ने बताया कि ‘विश्व शांति केंद्र’ व्यक्ति निर्माण का विश्व स्तरीय प्रमुख केंद्र होगा जहां ध्यान, योग, भारतीय संस्कृति व जैन जीवन शैली आधारित साईंटिफ़िक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं के व्यक्तित्व विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण व बच्चों के संस्कार निर्माण के विविध आयाम भी संचालित होंगे। चैन्नई के अभय कुमार श्रीश्रीमाल ने बताया कि अहिंसा विश्व भारती संस्था ने भूखण्ड की सम्पूर्ण राशि सरकारी कोष में जमा करवाकर भूखण्ड प्राप्त कर लिया है, जिस पर लगभग 30,000 स्कवेयर फीट निर्माण कार्य दो वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा। 

वरिष्ठ समाज सेवी मोतीलाल ओसवाल एवं पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि सरकार द्वारा अहिंसा विश्व भारती संस्था को भूखंड आबंटित करना संस्था के मानवतावादी कार्यक्रमों का सम्मान है। किशोर खाब्या एवं श्रीमती मधु जैन ने कहा कि इससे संस्था के देश-दुनिया में फैले लाखों कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन हुआ है। प्रकाश कानूगो, घेवरचंद सिंघवी, अशोक शाह, मनोज मेहता ने जैन एकता पर सामूहिक प्रयास करने पर बल दिया।