दुनिया को दशा व दिशा दिखाने आया हूं : राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा.









-पूज्य गुरुदेवश्रीजी के मंत्राभिषेक के साथ त्रिदिवसीय भक्त कल्याण महोत्सव सम्पन्न 


-विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक मनोरंजक प्रस्तुतियों सहित गुरुभक्तों का हुआ सत्कार


कृष्णगिरी। इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी सम्पन्न-समृद्ध क्यों ना हो, किसी न किसी रुप में दु:ख व कष्ट से पीडि़त है। दु:खों से भरे इस संसार में श्री पार्श्वप्रभु, भैरवदेव एवं राजराजेश्वरी मां पद्मावती की कृपा घर-घर तक पहुंचे इस बाबत् बतौर उपासक एवं साधक वे क्रियाशील है। साधनामय भक्ति की शक्ति द्वारा प्राणीमात्र के कल्याण के लिए एक साधक के रुप में इस दुनिया को दशा व दिशा दिखाने आया हूं। यह कहा श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम के पीठाधिपति, विश्वशांतिदूत, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, आध्यात्मयोगी, सिद्धिसम्राट परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने। वे यहां तीर्थधाम में अपने 53 वें अवतरण दिवस पर विश्व इतिहास में पहली बार आयोजित हुए श्री सिद्धभैरव महाचमत्कारिक विधान एवं महालक्ष्मी पूजन विधान की पूर्णाहूति अवसर पर भक्त कल्याण महोत्सव की सम्पन्नता के दौरान अपना वकतव्य दे रहे थे। इस अवसर पर 53 कुण्डीय शास्त्रोक्त मंत्रों व देवीय कृपा से परिपूर्ण 24 कलशों के अभिमंत्रित जल से पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंतविजयजी म.सा. का मंत्राभिषेक किया गया। चिदम्बरम के नटराज मंदिर के पंडित शैल्वरत्न दीक्षित की निश्रा में 121 विप्रों द्वारा सम्पादित हुए इस अतिदिव्य आयोजन मेें पूज्यश्रीजी ने कहा कि संयोगवश उनका जन्म जैन धर्म में हुआ, मगर साधना के बल पर जब पूर्व जन्मों का आभास पुन: हुआ तब से उन्होंने इस धरा की समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए धर्म, कर्म से ऊपर उठकर कार्यारम्भ किया। दुनिया के विभिन्न देशों व भारत के अनेक राज्यों के शहर, गांवों से आए विभिन्न धर्म समाज के श्रद्धालूओं को सम्बोधित करते हुए विश्वशांतिदूत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि ईश्वर की कृपा, सेवा एवं भक्ति से संभव है। उन्होंने कहा कि अपनेपन के भावों को साकार करना आवश्यक है। कार्यक्रम में दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों के करीब 50 से अधिक पारम्परिक लोक कलाकारों ने हैरतअंगेज नृत्य, गीत, संगीत व वाद्ययंत्रों की प्रस्तुतियों से उपस्थितजनों का सांस्कृतिक मनोरंजन किया। बॉलीवुड के जूनियर संजय दत्त नाम से मशहूर कलाकार रंजीत कुमार ने व इंडियन आयडल फेम विश्वास राय ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। महाविधान के विधिवत् पूर्णाहूति पश्चात् भगवान भैरवदेव की आरती व गुरुपूजन के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 


पंडित शैल्वरत्न को यज्ञकर्म चक्रवर्ती पद से अलंकृत किया



राष्ट्रसंत पूज्यगुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. की निश्रा में कृष्णगिरी तीर्थधाम में आयोजित हुए इस ऐतिहासिक महापूजनविधान की पूर्णाहूति अवसर पर चिदम्बरम स्थित नटराज मंदिर के पंडित डॉ. शैल्वरत्न दीक्षित को यज्ञकर्म चक्रवर्ती पद से अलंकृत करते हुए विशिष्ट सम्मान किया गया। साथ ही गुरुभक्त मुकेश चौपड़ा, मदुरै का भी श्रीकृष्णगिरी भक्त मंडल द्वारा शॉल ओढ़ाकर, माल्यार्पण कर एवं ममेंटो प्रदान कर सत्कार किया गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव श्रीजी के वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा से लाईव किया गया। सभी गुरुभक्तों ने पूज्य गुरुदेवश्रीजी से आशीर्वाद प्राप्त कर एवं प्रसाद ग्रहण कर अपने-अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।