शिक्षा विभाग के डिजीटल नवाचार से साढ़े तीन लाख से अधिक कार्मिकों को राहत





बीकानेर, 16 दिसम्बर (सीके न्यूज)। एपीएआर सरकारी कार्मिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। शिक्षा विभाग के कार्मिक अब अपनी एपीएआर का स्टेट्स एवं मूल्याकंन का अवलोकन ऑनलाइन कर सकेंगे। विभाग के इस डिजीटल नवाचार से साढ़े तीन लाख से अधिक कार्मिकों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग के निर्देशानुसार प्रत्येक विभाग में प्रतिवर्ष कार्मिक के वर्षपर्यन्त किए गए कार्यों, निर्वहन किए गए दायित्वों एवं अपने से उच्च अधिकारियों की नजर में उसकी कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी, कार्य के प्रति लगन इत्यादि गुणों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ कमजोरियों/कमियों में सुधार लाने हेतू वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एपीएआर) संधारित किया जाता है। इसी की अनुपालना में शिक्षा विभाग में लम्बे समय से ऑफलाइन एपीएआर संधारित की जाती रही है। प्रतिवर्ष संधारित किए जाने वाले वार्षिक कार्य मूल्यांकन (एपीएआर) को 2 अगस्त से ऑनलाइन कर शिक्षा विभाग न केवल डिजीटल युग के साथ कदम से कदम मिलाया जावे बल्कि कार्मिकों एवं कार्यालयों के समय को बचाते हुए रिकॉर्ड संधारण को भी व्यवस्थित किए जाने की पहल की है। विभाग की इस पहल से न केवल कार्य को गति मिली है बल्कि विभग व कार्मिक के समय की बचत के साथ डाटा की विश्वसनीयता व पारदर्शिता भी कायम हुई है। कार्मिक द्वारा अपनी एपीएआर भरकर सबमिट करने के उपरांत उसे अपनी एपीएआर की वर्तमान स्थिति भी शाला दर्पण व्यक्तिगत लॉगिन पर प्रदर्शित होती है। कार्मिक अपने लॉगिन से यह देख सकता है कि उसकी एपीएआर किस अधिकारी के पास बकाया है। इस पहल से न केवल कार्मिक को नियोक्ता अधिकारी के कार्यालयों के चक्कर से राहत मिलेगी बल्कि समय व पैसे की बचत भी होगी। 


ऑनलाइन कार्य एक नजर में

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन भी कार्मिक द्वारा शाला दर्पण पोर्टल पर व्यक्तिगत लॉगिन से भरा जा रहा है। कार्मिक द्वारा भरा गया वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन पूर्व की भांति ही क्रमश: प्रतिवेदक, समीक्षक एवं स्वीकारकर्ता अधिकारी के व्यक्तिगत लॉगिन पर प्रेषित हो रहा है। अब तक 86 प्रतिशत कार्मिकों ने अपनी एपीएआर भरी है तथा 70 प्रतिशत प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा एपीएआर समीक्षक अधिकारी को प्रेषित कर दी गयी है। राज्य में एपीएआर ऑनलाइन कार्य में जिला राजसमंद प्रथम स्थान पर है।