पशु स्वास्थ्य शिविर व किसान-वैज्ञानिक संवाद में बोले डॉ. आर्तबंधु साहू ; राजस्थान में जीवनयापन के लिए महत्वपूर्ण रुप से सहायक हैं पशुधन





बीकानेर, 30 अक्टूबर (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा गांव कोटड़ी] बीकानेर में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम के तहत शनिवार को पशु स्वास्थ्य शिविर एवं किसान-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया। केन्द्र की अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत लगाए गए इस पशु शिविर में कोटड़ी गांव के 84 पशुपालकों के विभिन्न रोगों से ग्रसित कुल 602 पशुओं यथा गाय (39) भेड़ (290), बकरी (267), ऊंट (06) का इलाज, निदान व चिकित्‍सीय परामर्श प्रदान किया गया। पशुपालकों से बातचीत करते हुए केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की पशुपालकों को जानकारी दी तथा कहा कि प्रदेश में पशुधन जीवनयापन के लिए महत्वपूर्ण रूप से सहायक हैं, ऐसे में अपने पशुधन को स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रखने के लिए जरूरतमंद पशुपालकों एवं किसानों को योजनागत ऐसे सुअवसरों का भरपूर लाभ उठाना चाहिए क्योंकि पशु विशेषज्ञ खुद चलकर आपके द्वार आते हैं। डॉ साहू ने पशुओं से बेहतर उत्पादन लेने हेतु वैज्ञानिक पद्धति से पशुओं के रखरखावए बीमारियों के इलाज के साथ.साथ उनकी स्वस्थता हेतु साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखने हेतु ग्रामीणों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आस.पास के वातावरण को स्वच्छ रखने पर न केवल स्वयं बल्कि हमारा पशुधन भी स्वस्थ रह सकेगा। केन्द्र के डॉ.आर.के.सावल, नोडल अधिकारी (एससीएसपी योजना), वैज्ञानिक डॉ श्याम सुंदर चौधरी ने भी विचार रखे। वहीं दोपहर पश्‍चात एनआरसीसी के फार्म परिक्षेत्र में स्वच्छता अभियान के तहत आयोजित एक अन्‍य गतिविधि में 'अपशिष्ट से उत्कृष्ट' विषय.वस्तु (थीम) पर आधारित कार्यक्रम में केन्द्र परिक्षेत्र में फार्म अपशिष्ट से व्‍यावहारिक कम्पोस्ट बनाने का आस.पास के गांवों कोटड़ी, गाढ़वाला, सूरधना, रिड़मलसर आदि के 25 किसानों एवं पशुपालकों के समक्ष प्रदर्शन किया गया ताकि वे खेती-पशु व्‍यवसाय में स्वच्छता को बनाए रखते हुए इसके माध्यम से उनकी आजीविका में भी सुधार ला जा सके।