राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र ने किसानों के साथ किया परिचर्चा का आयोजन





CK NEWS/CHHOTIKASHI बीकानेर 28 सितम्बर। राष्‍ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर के नवनिर्मित परिसर तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के मध्यनजर 35 विशेष गुणों वाली फसलों की किस्मों को प्रधानमंत्री Narendra Modi ने अपने कर कमलों से राष्ट्र को समिर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न प्रांतों के किसानों से सीधी बातचीत करते हुए खेती में सहायता हेतु सरकार के प्रयासों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। साथ ही इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निर्देशानुसार केन्द्र में ‘जलवायु अनुकूल किस्‍सों, प्रौद्योगिकी एवं कृषि क्रियाओं पर किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन भी किया। अनुसूचित जाति विकास योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी के अभिभाषण का सीधा प्रसारण को किया गया जिसमें केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ आस-पास क्षेत्र यथा-कोटड़ी, गाढ़वाला आदि के 100 से अधिक पशुपालक एवं किसान भाई भी इस कार्यक्रम से सीधे तौर पर जुड़े और परिचर्चा में भाग लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डॉ. नरेश गोयल, अध्‍यक्ष, महावीर इंटरनेशनल बीकानेर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 35 विशेष गुण वाली फसलों के माध्यम से किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रयास अत्यंत सराहनीय है। इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि गजेन्द्र सिंह राठौड़ शिक्षाविद् एवं समाज सेवी, बीकानेर ने कहा कि गामीण परिवेश में पीढ़ी-दर-पीढ़ी जीवन का आधार पशुधन-खेती ही रहा है, अत: परिवर्तित दौर में सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए देश के किसान को खेती में पारंपरिक तरीकों के साथ वैज्ञानिक पद्धति को भी अपनाना चाहिए। उन्‍होंने किसानों को स्‍थानीय तौर पर उपलब्‍ध औषधीय पौधों की जानकारी को स‍हजने हेतु प्रोत्‍साहित किया ताकि वे इसका लाभ उठा सके। 
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने किसानों को बढ़-चढ़ कर नई वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने का महत्वपूर्ण संदेश संप्रेषित किया जिससे पशुपालन एवं खेती में प्राप्त वैज्ञानिक उपलब्धियों का सार्थक प्रयोग किया जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ.एस.के.घौरूई ने कहा कि किसान एवं वैज्ञानिक दोनों का गठजोड़ राष्ट्र को समृद्ध बनाने में महत्ती रूप से सहायक सिद्ध हो सकेगा।
केन्द्र में आयोजित इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.राकेश रंजन, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा कार्यक्रम के महत्व एवं उद्देश्‍य पर विस्तृत रूप में प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम के दौरान किसानों को केन्‍द्र द्वारा तैयार पशुओं के लिए संपूर्ण आहार एवं पशुपालन संबंधी साहित्य का भी वितरण किया गया।