🟥भारतीय संस्कृति में स्वस्थ नारियल का विशेष महत्व : सुषमा संजय चोरडिया
🟥सूर्यदत्ता के छात्रों ने पेंटिंग, हस्तशिल्प और उसकी प्रतिकृतियों के माध्यम से नारियल के महत्व को किया प्रस्तुत
पुणे। विश्व नारियल दिवस के अवसर पर सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित सूर्यदत्ता फूड बैंक ने एज्यू-सोशियो कनेक्ट इनिशिएटिव के तहत शहर के विभिन्न धर्मार्थ संगठनों को नारियल दान किए।
सावली प्रतिष्ठान, उम्मेद फाउंडेशन, अनिकेत सेवाभावी संस्था सहित 11 संस्थाओं को कुल 1100 नारियल वितरित किए गए। सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय चोरडिया के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम हुआ। सूर्यदत्ता के स्कूल-कॉलेज के छात्रों ने पेंटिंग, हस्तशिल्प और उसकी प्रतिकृतियों के माध्यम से नारियल के महत्व को प्रस्तुत किया।
सूर्यदत्ता हमेशा छात्रों में भारतीय संस्कृति को विकसित करने के लिए अनूठी गतिविधियों का आयोजन करता है। छात्रों ने भारतीय संस्कृति पर केंद्रित नारियल के विभिन्न चित्र बनाए हैं। इन संगठनों को संस्था की उपाध्यक्ष और सचिव सुषमा चोरडिया द्वारा नारियल वितरित किये गये। सावली प्रतिष्ठान के किसन शिंदे, उम्मेद फाउंडेशन के राकेश सनस, अनिकेत सेवाभावी संस्था के गणेश तनपुरे ने नारियल स्वीकार किये।
इस अवसर पर सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के समूह निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शैलेश कसांडे, डीन डॉ. प्रतीक्षा वाबले, कार्यकारी निदेशक प्रा. सुनील धाडीवाल, निदेशक प्रशांत पितालिया, प्रा. रोहित संचेती सहित संस्थान के शिक्षक और अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। सामाजिक कार्यकर्ता सीमा दाबके ने इस कार्यक्रम का संचालन किया।
इस दौरान सुषमा चोरडिया ने कहा, नारियल में मॅगनीज, कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन की बड़ी मात्रा रहती है, अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह उपयुक्त है। डायबेटीस, केश और त्वचा के लिए भी नारियल का महत्व है। साथ ही भारतीय संस्कृति में नारियल का एक अलग महत्व है। कोई भी कार्य का शुभारम्भ करने से पहले हम नारियल चढ़ाते है। इसको ध्यान में लेकर प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने यह दिवस अलग ढंग से मनाने का प्रस्ताव रखा और इन सामाजिक संगठन को नारियल दिए गए। गणेश तनपुरे ने कहा कि
इस मदद के कारण बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा। इस मदद के लिए हम सूर्यदत्ता संस्थान का शुक्रिया अदा करते है।