ऊंटपालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने हेतू वैज्ञानिक अपनी सोच व तरीकों में बदलाव लाएं : डॉ. महापात्र




बीकानेर (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के डेयरी सचिव एवं महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि बदलते परिवेश में ऊँट पालन व्यवसाय को सार्थक दिशा में आगे बढ़ाने हेतु केन्द्र के वैज्ञानिक, अपनी सोच एवं तरीकों में महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए अनुसंधान की प्राथमिकताओं को नियमित करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने किसानों की आय दुगुनी करने के लिए ऊँटनी के दूध उत्पादन (व्यवसाय) को बड़े पैमाने पर बढ़ाने, केन्द्र द्वारा इसके दूध एवं इससे निर्मित उत्पादों के प्रति प्रचार-प्रसार द्वारा अधिकाधिक जागरूकता लाने, बाजार की मांग को समझने की महत्ती आवश्यकता जताई। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र के 38 वें स्थापना दिवस पर वर्चुअल सम्बोधित करते हुए उन्होंने केंद्र निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू को बधाई भी प्रेषित की। उन्होंने प्रगतिशील ऊँट पालकों बालाराम, उष्ट्र डेयरी व्यवसाय हेतु एवं केषू राम पूनियां, सरपंच को उष्ट्र पालकों के लिए उल्लेखनीय कार्य हेतु सम्मानित भी किया। उन्होंने केन्द्र स्तर पर ऊँटनी के दूध उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादों के लिए निर्मित नूतन इकाई को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने ऊँट पालकों के लिए दूध उत्पादन को चैनेलाईज करने के प्रयास करने तथा केन्द्र से दुग्ध व्यवसाय के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर लाभ कमाने वाले ऊँट पालकों के दस्तावेजीकरण हेतु वैज्ञानिकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया ताकि अधिकाधिक किसान एवं उष्ट्र हित धारक इस व्यवसाय से जुड़कर मुनाफा कमा सके। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के डॉ बी एन त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), केन्द्र के निदेशक डॉ आर्तबन्धु साहू ने भी विचार रखे। केन्द्र के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एक कृषक.वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें लगभग 40 किसानों ने भाग लिया। केन्द्र के इस संवाद कार्यक्रम में केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा अरूण कुमार तोमर, राष्ट्रीय अश्‍व अनुसंधान केन्द्र, हिसार के निदेशक डॉ यशपाल, केन्द्रीय शुष्क बागवानी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ पी.एल. सरोज एवं केन्द्र निदेशक डा आर्तबन्धु साहू ने किसानों से वार्ता कर उन्हें कृषि, बागवानी एवं पशुपालन हेतु अपनाए जा रही नूतन तकनीकियों के बारे में जानकारी दीं। संवाद कार्यक्रम के अवसर पर पशु पालकों को घरेलू उपयोगी वस्तुएं वितरित की गई। कार्यक्रम आयोजक सचिव डॉ आर.के.सावल ने अतिथियों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, पशु पालकों एवं केन्द्र कार्मिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।