बीकानेर में चार प्रकार की गौरेया प्रजाति, घटती संख्या पर डूंगर कॉलेज मेें विश्व गौरेया दिवस मनाते हुए जतायी गहरी चिंता





बीकानेर, 20 मार्च (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राजस्थान में बीकानेर संभाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में शनिवार को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। आयोजन सचिव डॉ प्रताप सिंह ने बताया कि बीकानेर में चार प्रकार की गौरैया प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से सिन्द स्पैरो, स्पैनिश स्पैरो एवं पीले गले वाली चिडिय़ा तथा घरेलु चिडिय़ा प्रमुख है। इस अवसर पर चिडिय़ाओं की घटती संख्या पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गयी तथा इनके संरक्षण के उपायों को विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. जी.पी सिंह ने विद्यार्थियों से इस प्रकार के दिवसों का अधिकाधिक उपयोग करने की अपील की। प्राचार्य ने कहा कि बिना प्रकृति संरक्षण के जीवन की कल्पना करना असम्भव है। उन्होंने विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों से अन्र्तविषयक शोध कार्यों की महती आवश्यकता पर बल दिया। प्राणीशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजेन्द्र पुरोहित ने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण पर और अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वन्य जीवों से प्रेम करें उनसे अनावश्यक भय एवं घृणा करना अनुचित है। इस अवसर पर बीकानेर बर्ड क्लब के सचिव डॉ जितेन्द्र सोलंकी ने गौरैया की संख्या में बढ़ोत्तरी के उपाय बताये। उन्होंने महाविद्यालय परिसर में कृत्रिम घोसलों को भी स्थापित किया। इस प्रकार के घोसलों की स्थापना से पक्षियों को सुगमता से प्रजनन करने में सहायता मिल सकेगी। इस अवसर पर प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष को कृत्रिम घोसलें भी भेंट किये गये।