वैवाहिक वर्षगांठ पर विप्र शिक्षा निधि में दिया योगदान

 



बेंगलुरु। ब्राम्हण समाज के वैश्विक संगठन विप्र फाउंडेशन (विफा) के कर्नाटक प्रान्त जोन-18 के उपाध्यक्ष एवं अनेक सामाजिक-धार्मिक संगठनों से जुड़े बेंगलुरु के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बाबूसिंह नोरवा ने अपने होनहार युवा पुत्र यशवंत सिंह एवं पुत्रवधु श्रीमती सोनू कंवर की शादी की प्रथम वर्षगांठ पर विफा के विप्र शिक्षा निधि प्रकल्प में 21 हजार रुपये का योगदान दिया है। यहां मागड़ी रोड़ स्थित अपने कार्यालय में इक्कीस हजार रुपये का चेक विफा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रहे एग्जीक्यूटिव मेम्बर संजय जोशी को प्रदान किया। राजस्थान में जालोर जिले के नोरवा गांव के मूल निवासी बाबुसिंह करीब 31 वर्ष पूर्व रोजगार के लिए बेंगलुरु आये थे। कुछ समय संघर्ष किया। एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ एवं संस्कारित बाबूसिंह नोरवा को अपने बुजुर्गों के आशीर्वाद एवं परमात्मा की कृपा से अपने तय लक्ष्य व मुकाम को हासिल करने में अधिक वक्त नहीं लगा। मेहनत के दम पर उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने की ऐसी राह पकड़ी जिसमें फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वे यहां एक वृहद स्तर के प्लास्टिक हाउस होल्ड-सेनेट्री वेयर क्षेत्र में "मार्वेल ग्रुप" के प्रमुख हैं। निश्चित ही ब्राम्हण समाज के बाबूसिंह नोरवा मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत एवं लोकल फ़ॉर वॉकल के अनुपम अर्थात मारवलस उदाहरण कहे जा सकते हैं। करीब 150 से अधिक लोगों को परोक्ष-अपरोक्ष रुप से रोजगार से जोड़कर रखने वाले बाबूसिंह नोरवा ब्राम्हण समाज में देदीप्यमान सितारा हैं। उधोगजगत एवं सामाजिक क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान कायम करने वाले नोरवा ने बीते वर्ष कोरोनाकाल में भी जरुरत मंदों के सहयोग में कमी नहीं रखी। परम् गौभक्त, धर्म परायण गृहिणी श्रीमती गीता देवी एवं बाबुसिंहजी ने अपने पुत्र व वधू की प्रथम वैवाहिक वर्षगांठ को विप्र शिक्षा निधि में योगदान के साथ यादगार बना दिया है। समस्त नोरवा परिवार को विप्र फाउंडेशन परिवार ने हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभ-मंगल कामनाएं प्रेषित की है।।