पशु स्वास्थ्य शिविर सह कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम : 'पशुओं से भरपूर उत्पादन लेने के लिए उनकी आहार जरुरतों के साथ विशेष देखभाल करें'





बीकानेर, 20 जनवरी (सीके मीडिया/छोटीकाशी)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा जनजातीय उपयोजना के तहत राजस्थान के आबू रोड़ में पशु स्वास्थ्य शिविर सह कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पशु स्वास्थ्य शिविर में 107 ग्रामीण पशुपालकों एवं किसानों ने अपने पशुओं यथा-ऊँट 175, गाय 123, भैंस 223, भेड़-बकरी 350, कुल 871 (पशुओं) सहित अपनी सहभागिता निभाते हुए भरपूर लाभ उठाया। पशु स्वास्थ्य शिविर के साथ ही आयोजित कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में केन्द्र की टीम में शामिल प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर.के सावल ने पशु पालकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य एवं उनसे भरपूर उत्पादन लेने हेतु उनकी आहार जरूरतें आदि के हिसाब से विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। डॉ सावल ने ऊँटों एवं अन्य पशुओं में विकसित की जा रही विभिन्न प्रकार की नूतन प्रौद्योगिकी के बारे में जन जातीय पशु पालकों को जानकारी दीं। केन्द्र वैज्ञानिक डॉ मतीन अंसारी ने पशुओं से कृषि व घरेलू आदि कार्यों में उचित काम लेने हेतु उनकी शारीरिक सुदृढ़ता बनाए रखने एवं अन्य कई संबंधित पहलुओं के बारे में पशुपालकों को अवगत करवाया। इस दौरान केन्द्र की टीएसपी के नोडल अधिकारी डॉ काशीनाथ द्वारा ऊँटों व अन्य पशुओं में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की बीमारियों व उनकी रोकथाम एवं पशुओं को मौसमी बीमारियों से बचाने के उपाय बताए गए। केन्द्र की इस टीम द्वारा शिविर में आए पशुओं यथा-ऊँट में सर्रा हेतु टीकाकरण व खुजली का उपचार एवं बाह्य परजीवियों से बचाव हेतु दवा का वितरण किया गया। साथ ही अन्य पशुओं गाय, भैंस, भेड़ व बकरियों को कृमिनाशक दवा दी गई। वैज्ञानिकों ने कमजोर पशुओं की जांच की तथा पशुओं की शारीरिक जरूरत के अनुरूप केन्द्र निर्मित 'करभ पशु आहार' भी उपलब्ध करवाया गया। केन्द्र निदेशक डॉ ए साहू ने अपनी ओर से संदेश प्रसारित करते हुए कहा भारत सरकार की जनजातीय उपयोजना के तहत केन्द्र, जनजातीय क्षेत्र के गांवों में नियमित रूप से पशु स्वास्थ्य शिविर एवं संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि क्षेत्रों के अधिकाधिक पशुपालक व किसान जागरूक होकर लाभान्वित हो सके। टीम में गए मनजीत सिंह द्वारा कैम्प में आए पशुपालकों का पंजीयन करते हुए जरूरतमंद पशुपालकों को केन्द्र में निर्मित सम्पूर्ण पशु आहार एवं खनिज लवण मिश्रण का वितरण भी किया गया। केन्द्र द्वारा आयोजित शिविर में राजस्थान सरकार के पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने मे सहयोग प्रदान किया जिनमें संयुक्त निदेशक डॉ ओम प्रकाश कोली, डॉ डी.एफ. सावलिया, डॉ. जगदेव सिंह, डॉ संजीव भोसले शामिल थे।