"ॐ ह्रीं बं बटुकाय भैरवाय.....सर्वसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा" : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. बोले, रुद्रावतार भैरव देव करते हैं हर संकट दुख का नाश


 



 



 


 


आठ दिवसीय भैरव अष्टमी पर्व शिविर में जप-हवन साधना शुरू


उज्जैन। मां पद्मावती के परम उपासक, भैरव देव के सिद्ध साधक, श्री कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, सर्वधर्म दिवाकर, राष्ट्रसंत, परम पूज्य डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब ने कहा कि भैरव देव की आराधना कलयुग में इस धरा के हर सांसारिक व्यक्ति को अनंत सुख प्रदान करने वाली है। उन्होंने कहा कि भैरव देव भगवान शिव के रूद्र अवतार माने गए हैं। भैरव देव की साधना से व्यक्ति अपने जीवन में सांसारिक बाधाओं को दूर कर अनेक लाभ प्राप्त कर सकता है। वे यहां त्रिवेणी घाट शनि मंदिर के समीप शांतम आश्रम में भैरव मंत्र जप-हवन-साधना शिविर के अष्ट दिवसीय आयोजन के प्रथम दिवस अपना संबोधन दे रहे थे। इससे पूर्व संतश्रीजी द्वारा भगवान श्रीगणेश का पूजन व मंत्र पुष्पांजलि के साथ 108 नामों से आह्वान कर अखंड दीप प्रज्वलित किया गया। तत्पश्चात सर्व रत्न, सर्व औषधी, स्वर्ण वर्क, चांदी का सिक्का, सदौषधि, मंगल मृतिका, गंगाजल सहित अनेक द्रव्यों से भरकर दीपमाला इत्यादि से सुसज्जित एक भरे हुए दिव्य कलश की पूजन स्थापना की गई। डॉ वसंत विजय जी म.सा.ने विधिपूर्वक बाबा भैरव देव का आह्वान करते हुए "ओम ह्रीं बं बटुकाय भैरवाय..... सर्व सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा" सहित अनेक दुर्लभ मंत्रों व भैरव देव के 1008 नामावली का वाचन विभिन्न पदार्थों अनेक प्रकार के फल-नैवेद्य भोग इत्यादि अर्पण कर हवन में आहुतियों के साथ किया। श्री नाकोड़ा भैरव देव की ऐतिहासिक 21 फीट की दिव्य प्रतिमा के समक्ष हवन साधना में मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न प्रान्तों-शहरों से चयनित व पंजीकृत श्रद्धालुजन कोरोना गाइडलाइंस की पालना करते शामिल हुए हैं। पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब ने इस अवसर पर भैरव देव की उत्पत्ति, साधना-आराधना एवं परमात्मा की भक्ति के प्रसंगों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सात्विकता एवं एकाग्रता वाली तथा अत्यंत कठिन साधनाओं में से एक भैरव देव की साधना होती है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में विभिन्न प्रकार के रोग, दुख-संकट मुक्ति एवं भक्तों की सुख-समृद्धि व कल्याण के लिए शक्ति समाहित भैरव देव का यह विश्व स्तरीय जप-हवन साधना शिविर अपने आप में दिव्य एवं अलौकिक है। आयोजन से जुड़े गुरुभक्त शैलेंद्र प्रकाश तलेरा ने बताया कि इस अवसर पर शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद कराया गया। अनेक गणमान्य जनों की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ यह आयोजन प्रारंभ हुआ। गुरु भक्त अजय कटारिया, किसलय चौधरी, अजय सिंह सेंगर, उमंग कोठारी, कमलेश अग्रवाल, पीयूष चोरड़िया, सिद्धार्थ सतीश दोषी, अमन मिश्रा, रितेश नाहर, वीरेंद्र मेहता, सौमिल जैन सहित अनेक गुरुभक्तों ने विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग किया। आयोजन स्थल पर एक भव्य गुफा व 27 शक्तिपीठ की अतिसुन्दर प्रतिमाओं का भी निर्माण किया गया है, जो कि श्रद्धालुओं के लिए शाम 6 से 8 बजे तक दर्शनार्थ रहेंगी।