धर्म आध्यात्मिक लाभ के लिए शांतम आश्रम बना मिनी भारत : राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजय जी म.सा.की निश्रा में भैरवाष्टमी पर्व शिविर


 



 



 



 



 


 


यम के लिए भी यम रुप है भैरवनाथ : डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब 


उज्जैन। यहां त्रिवेणी घाट स्थित शांतम आश्रम ने धर्म-आध्यात्मिक लाभ के लिए एक मिनी भारत का रूप ले लिया है, जहां नई दिल्ली, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व मध्यप्रदेश सहित करीब 20 राज्यों के विभिन्न शहरों से 150 से अधिक श्रद्धालु भैरव देव के जप-हवन-साधना शिविर में लाभान्वित हो रहे हैं। विश्व विख्यात श्री कृष्णगिरी शक्तिपीठ धाम के पीठाधिपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, मंत्र शिरोमणि, परम पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज साहेब की पावन निश्रा में विश्व इतिहास में पहली बार भैरव अष्टमी पर्व के मद्देनजर अष्ट दिवसीय आध्यात्मिक आयोजन बाबा काल भैरव एवं अवंतिकानाथ महाकाल की नगरी उज्जैन में हो रहा है। शांतम आश्रम में श्री नाकोड़ा भैरव देव की 21 फीट की विशालतम प्रतिमा व सवा लाख रुद्राक्ष से सुसज्जित मंडप के समक्ष एक तरह से सर्वधर्म के मिनी भारत के लोग धर्मलाभ ले रहे हैं। वैश्विक स्तर पर दुख-रोग-संकट निवारण एवं सुख-शांति, समृद्धि के लिए विश्व शांतिदूत डॉ वसंतविजय जी महाराज साहेब द्वारा रोजाना दिन में पूजा, जप साधना तथा रात्रि में हवन यज्ञ में विविध प्रकार के दुर्लभ मंत्रों से आहुतियां दी जा रही है। साथ ही परिसर में अखंड दीप ज्योत के समक्ष ओम ह्रीं बटुकाय नमः स्वाहा का मंत्र सामूहिक जाप से गुंजायमान हो रहा है। गणपति वंदना एवं ओम नाम के सामूहिक 108 बार उच्चारण से शुरू होने वाले हवन साधना शिविर में पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजय जी महाराज ने भैरव देव शब्द के अनेक अर्थों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भैरवनाथ यम के लिए भी यम रुप है। डॉ वसंत विजय जी महाराज साहब ने भैरव देव को जगत का अधिष्ठाता बताते हुए कहा कि 33 करोड़ देवी-देवताओं में एकमात्र भैरव देव ही है जो पृथ्वी लोक के किसी व्यक्ति की 12 राशियों, नौ ग्रहों व 27 नक्षत्रों के अधिष्ठायक देव है। प्राणी के जन्म जन्मांतर की पीड़ा व पापों को नष्ट करने वाले भैरव देव की भक्ति से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है व सर्वरोग बाधा मिटती है। आयोजन से जुड़े गुरु भक्त शैलेंद्र प्रकाश तलेरा ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के तहत आयोजित अष्ट दिवसीय जप-साधना शिविर में देशभर के विभिन्न प्रांतों के अनेक शहरों-गांवों से आए श्रद्धालुजनों को नियमित प्रसाद भी वितरित किया जा रहा है।