बीकानेर, 25 दिसम्बर। स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन (सेवा) की बीकानेर शहरी क्षेत्र से जुड़े स्कूल संचालकों की बैठक शुक्रवार को सुनीता तनेजा की अध्यक्षता में धोबी धोरा स्थित प्रदेश कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में शिक्षा मंत्री द्वारा आरटीई के तहत निशुल्क बालकों की फीस का पुनर्भरण शिक्षा 2020-21 का भुगतान नहीं करने के बयान की घोर निंदा की गई। प्रदेश अध्यक्ष कोडाराम भादू ने बताया कि बैठक में चर्चा की गयी कि माननीय उच्च न्यायालय ने सीबीएसई के स्कूलों को 70 प्रतिशत व आरबीएसई के स्कूलों को 60 प्रतिशत फीस लेने का निर्णय दिया है। इसके बावजूद शिक्षा मंत्री का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा मंत्री ने बयान दिया है कि स्कूलों में पढ़ाई नहीं हुई तो पैसा किस बात का। संगठन शिक्षा मंत्री से पूछना चाहता है कि जब पढ़ाई नहीं हुई तो सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों को वेतन क्यों दिया जा रहा है? सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने वालों को वेतन देने की जिम्मेदारी सरकार की है। आरटीई के तहत निशुल्क पढ़ रहे 25 प्रतिशत बालकों की फीस देने की जिम्मेवारी भी सरकार की है। सरकार अपनी जिम्मेवारी से मुकर नहीं सकती। शिक्षा मंत्री अपना बयान वापस लें। शिक्षा सत्र 2020-21 का अग्रिम भुगतान करें। अन्यथा संगठन आंदोलन का रास्ता अपनाएगा। संगठन की मीडिया प्रवक्ता शैलेश भदानी ने कहा कि इसके लिए जिला कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास किया कि प्रदेश संगठन से बात कर अति शीघ्र एक प्रदेश स्तरीय मीटिंग बुलाई जाए तथा उसमें निर्णय लिया जाए। प्रदेश कार्यकारिणी से चर्चा करने के बाद यह तय किया गया कि 29 दिसंबर को जयपुर में प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग होगी। उस मीटिंग में आगे के की रणनीति तैयार की जाएगी। आज की बैठक में सुरेंद्र महिंद्रा, रियाज कादरी, रितु मूंदड़ा, मुकेश वर्मा, मनीष शर्मा, नरेंद्र पांडे, विजेंद्र कुमार, अब्दुल समद कादरी, अनीता शर्मा, हनुमान सिंह, शिवरतन भाटी, प्रशांत कला, चरण सिंह चौधरी, मोहम्मद उम्रदराज आदि ने विचार व्यक्त किए।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा, आंदोलन की तैयारी