बीकानेर, 14 दिसम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ ) के वीरों ने [भारत-पाकिस्तान] 1971 के युद्ध में अपने शौर्य का परिचय दिया था तब से अब तक शत्रु देश के मन में इतना भय है कि 50 वर्ष बीत जाने के बाद भी कोई भी प्रत्यक्ष रूप से भारत की तरफ आँख तक नहीं उठा सका। बीएसएफ का साहस व शोर्य अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा कर रहा है जिससे कि पूरा देश आराम व निश्चिंत है। शेखावत ने बीकानेर संभाग के अनूपगढ़ में बीएसएफ के 1971 युद्धवीरों को स्मृति चिन्ह, शॉल ओढ़ाकर सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि इतिहास जहां लिखा जाता है, संकलन किया जाता है वहां 13 दिनों का भारत-पाकिस्तानी युद्ध (1971) छोटे युद्ध के रुप में जाना जाता है लेकिन यह छोटा युद्ध भी उतना ही महत्वपूर्ण था जितना 18 दिन का महाभारत का युद्ध यहां की संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण था। शेखावत ने यह भी कहा कि वे सीमा सुरक्षा बल के राजस्थान सीमा के बारे में परिचित है और उन्होंने स्वंय देखा है कि सीमा सुरक्षा बल किन कठिनाइयों में देश की सुरक्षा कर रहा है। इस अवसर पर बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर आईजी आयुषमणि तिवारी, डीआईजी मदनसिंह राठौड़, डीआईजी सामान्य मधुकर, बीएसएफ के बीकानेर सैक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ सहित अनेक मौजूद थे। इससे पहले बीएसएफ के 104, 127 व 114 वीं वाहिनी के 900 से अधिक अधिकारी एवं जवानों ने मिलकर बैटन रिले दौड़ को लगभग 11 घण्टों में अनूपगढ़ तक पहुंचकर समाप्त किया। बीएसएफ बीकानेर सैक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बैटन देकर जवानों को रवाना किया।
बीएसएफ का साहस व शौर्य अत्यंत महत्वपूर्ण, 50 वर्ष बाद भी शत्रु देश के मन में आज भी भय : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
• ChhotiKashi Team


