उदयपुर 5 नवम्बर कोरोना में लोक कलाकारों एवं साहित्यकारों के चेहरे पर मुस्कान लाने तथा परिवारों को आर्थिक सक्षम करने के लिए 20 से 22 नवम्बर तक आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय राजस्थान साहित्य महोत्सव आडावळ की शुरुआत जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह द्वारा संदेश पत्रिका अनावरण से हुयी। जिला कलेक्टर द्वारा आमुख पर भील लोकनाट्य गवरी में रई द्वारा मास्क लगाकर बात करने वाला फोटो देख कोरोना जागरूकता की सराहना व्यक्त करी। पोस्टर में संदेश "दो गज दूरी राख बरोबर, मुण्डा माथै राखौ मास्क। कोरोना सूं जंग लड़ण में, साफ बरोबर राखौ हाथ ।।" प्रसारित किया गया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ मदन सिंह, गोविन्द सिंह राठौड़ आदि उपस्थित थे। आडावळ महोत्सव के मार्गदर्शक साहित्यकार अतुल कनक ने यह जानकारी दी। कार्यक्रम निदेशक डाॅ. शिवदान सिंह जोलावास के अनुसार मोसुविवि कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह द्वारा इस अवसर पर राजस्थान के जनजाति विकास, सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण हेतु किए गए प्रयासों की सराहना करी। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से इस क्षैत्र में ना केवल शिक्षा का विकास होगा अपितु जनजाति की लुप्त होती परंपराएं समृद्ध विरासत एवं ज्ञान को सहेज कर रखा जा सकेगा। इस कड़ी में 8 नवम्बर से राजस्थानी परिधान और सांस्कृतिक विरासत पर दो सप्ताह का प्रशिक्षण कुशल विशेषज्ञ के निर्देशन में होगा जिसकी प्रदर्शनी लगायी जाएगी। निदेशक शिवराज सोनवाल ने बताया कि राजस्थान के गद्य एवं पद्य साहित्य में पद्म श्री रानी लक्ष्मी कुमारी चुंडावत, पद्मश्री विजय दान देथा, पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया आदि के रचना-कर्म एवं लेखन पर शोध करने वाले विद्वान विचार रखेंगे।जनजातियों का पहनावा राजस्थान की भूगर्भीय धरोहर, आदिवासी की वन उपज, औषधीय उपचार, जनजाति की लोक कलाएं एवं लोक नाट्य, प्रदर्शनकारी कलाओं की प्रस्तुति कराते हुए उन्हें एक मंच प्रदान करना महोत्सव का उद्देश्य है। आयोजक अमि संस्थान सचिव राजेश्वरी ने बताया कि महोत्सव में 12 सत्र रहेंगे। जिनमें मुख्य रूप से आदिवासी जनजाति के साथ राजस्थानी भाषा की समृद्ध विरासत पर विषय विशेषज्ञ चर्चा करेंगे कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी के रुप में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र ने अपनी सहभागिता दी है इससे लोक कला की परंपराओं का संरक्षण एवं संवर्धन हो सकेगा। कार्यक्रम निदेशक डॉ अनुश्री राठौड़ ने बताया कि आडावळ के वर्चुअल मंच से कोलकाता से प्रभारी पर्यटन अधिकारी, हिंगलाज दान रत्नू, विद्वान प्रतिनिधि प्रवासी राजस्थानी बिज्जी की कहानियों के अंग्रेजी अनुवादक विशेष कोठारी, शोधार्थी डॉ संजू श्रीमाली जोधपुर, श्री कन्हैयालाल सेठिया जी पुत्र जयप्रकाश सेठिया, श्रीमती अनुप्रिया लखावत, श्री दिनेश कोठारी, जी न्यूज स्टेट एडिटर मनोज माथुर, मिसेज इंडिया श्रीमती रितु खोसला,के के नरेडा, दिल्ली, मुंबई, लंदन, कनाडा, अटलांटा, एवं आदि स्थानों से विद्वानों के साथ प्रशासनिक अधिकारी कला मर्मज्ञ साहित्य के पुरोधा हस्ताक्षरअपने विचारों से दुनिया को लाभान्वित करेंगे।