गो उत्सव दूसरे दिन हुई संगोष्ठी:गौधूलि मुहूर्त  होता सबसे श्रेष्ठ, गोपाष्टमी पर एक दीप जलाए 


 



 


बीकानेर। श्रीगंगानगर रोड़ कानासर फांटा स्थित रामदेव मन्दिर गो शाला में आज 'गौ महोत्सव' के दूसरे दिन दो विषयों पर संगोष्ठी रखी गई। 'ज्योतिष शगुन और गाय' विषय पर प्रमुख वक्ता प्रहलाद ओझा 'भैरु' ने कहा कि भारतीय लोग आस्थावान है,गाय के प्रति उनकी दृढ़ आस्था है।घर से निकलते समय गाय अपने बछड़े को दूध पिलाती नजर आए तो कार्यसिद्धि और घर निकलते समय गाय अपने राइट साइड से सामने की ओर से आए तो अच्छा शगुन तथा गाय जिस जगह आराम से बैठकर चारा चरती हुई उगाळी का रस टपकाए उस जगह वास्तु दोष दूर हो जाता है ऐसा बड़े बुजुर्ग वर्षों से कहते आ रहे है और इसका प्रभाव आज भी लोग महसूस करते है। ओझा ने कहा कि जब कोई मुहूर्त न हो 'गौधूलि बेला' में शादी करना बताया जाता है, गौधूलि बेला में की गई शादी आमतौर से अधिक सफल देखी गई है। गोपाष्टमी पर गायों के लिये अपने घर पर  गौधूलिबेला में दीप जलाने की परंपरा है।