भारत के पहले अंगदाता स्मारक का जयपुर में सीएम गहलोत 27 नवंबर को करेंगे उद्घाटन 


 



 



 



 


जयपुर {CK News}। राष्ट्रीय अंगदान दिवस यानी 27 नवंबर को राजस्थान में भारत का पहला एवं अपने आप में प्रेरणादायक अनोखा तथा अनूठा अंगदाता स्मारक उद्घाटित होने जा रहा है, जिसका विधिवत रूप से वर्चुअल उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार दोपहर 12:00 बजे करेंगे। मोहन फाउंडेशन जयपुर सिटीजन फोरम-नवजीवन (एमजेसीएफ-नवजीवन) द्वारा यह स्मारक स्थापित किया गया है, जो कि नगर निगम द्वारा स्वीकृत है तथा सेंट्रल पार्क के एक कोने में डीजी हाउस के सामने निर्मित हुआ है। संस्था के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने बताया कि "एक खामोशी अनेक मुस्कान-आओ करें अंगदान" की थीम के तहत अब तक अनेक लोगों द्वारा अंगदान किया जा चुका है। अंगदान करने वालों की स्मृति में स्मारक के निर्माण से लोगों को अंगदान करने के लिए आगे आने की प्रेरणा मिलेगी। साथ ही अंगदान से जरूरतमंद लोगों को विशेष रूप से पीड़ित व्यक्तियों को नवजीवन मिलने का भी मार्ग प्रशस्त होता है। अरोड़ा के मुताबिक अंगदाताओं की स्मृति में देश के इस पहले के स्मारक उद्घाटन हेतु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभा ठाकुर, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चिकित्सा मन्त्री रघु शर्मा, पूर्व चिकित्सा मन्त्री राजेंद्र राठौड़, सांसद दिया कुमारी व फिल्म अभिनेत्री ईशा देओल सहित विविध क्षेत्रों की अनेक शख्शियतों ने इस आयोजन से जुड़ते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की है। संस्था की समन्वयक भावना जगवानी है, जो कि विभिन्न चिकित्सालयों व अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक कर रही हैं। नवजीवन संस्था से जुड़े तथा कार्यक्रम से सम्बंधित प्रकाशित होने वाली के एक स्मारिका के समन्वयक दीपक टाटिया ने बताया कि निश्चित ही अंगदान भी महादान है। उन्होंने बताया कि ईश्वर द्वारा प्राप्त यह पवित्र शरीर अत्यंत ही अकल्पनीय अंग-प्रत्यंगों से बना होता है जिसकी बनावट व कार्यप्रणाली पर आज तक आधुनिक विज्ञान सतत शोध कर जानकारियाँ जुटा रहा है, हालाँकि शारीरिक संरचना आज भी एक बड़ा रहस्य ही है। इस मानव शरीर के साथ हमें कुछ अत्यन्त महत्वपूर्ण अंग- प्रत्यंग भी प्राप्त होते हें जो कि अमूल्य है। इन्ही अमूल्य अंगो के व्यक्ति के दिमाग़ी रूप से मेडिकली मृतप्राय घोषित होने के उपरान्त परिजनों की सहमति से मानव अंगो के नवजीवन क़ा सार्थक प्रयास एमएचजे सीएफ की टीम द्वारा अत्यंत विषम परिस्तिथियों के बावजूद पूरी लगन द्वारा किया जाता है, जिसकी सफलता के रूप में एक अंगदाता का जन्म होता है एवं कई मरन्नासन मनुष्यों को नवजीवन प्राप्त होता है। देवतुल्य इस कार्य की असीम सम्भावनाएँ अभी बाक़ी है। संस्थान के ट्रस्टी अनिल बक्शी ने आह्वान किया कि हम सभी मिल कर निःस्वार्थ भाव से इस अंगदान संगठन को तन- मन-धन अर्पण कर निरंतर आगे बढाने में सहयोगी बन सकते हैं एवं अंगदान क़ा संकल्प ले सकते हैं। यही नहीं, अन्य परिचितों को जागरूक कर अंगदान में सहयोगी बनना चाहिए। बक्शी ने यह भी बताया कि आज भी प्रतिवर्ष लाखों लोग अंगदान जागरूकता न होने से काल -कवलित हो जाते है जिन्हें अंगदान द्वारा नवजीवन प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संस्था के प्रयासों से राजस्थान में ड्राइविंग लाइसेन्स में आई एम ऑर्गन डोनर भी लिखा जाता है।