बीकानेर में उच्च न्यायालय बैंच की मांग को लेकर वकीलों ने नहीं की पैरवी, राष्ट्रपति के नाम भेजा ज्ञापन


 


बीकानेर, 18 नवम्बर (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के बीकानेर संभाग मुख्यालय पर माननीय उच्च न्यायालय की बैंच स्थापित करने की मांग को लेकर एडवोकेट्स ने न्यायालयों में पैरवी नहीं की और महामहिम मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बीकानेर के माध्यम से एवं विधि मंत्री भारत सरकार, महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से प्रेषित किया गया। बार एसोसिएशन के सचिव शिवराम भादू ने बताया कि बीकानेर में वर्ष 1922 से 1950 तक बीकानेर हाईकोर्ट अस्तित्व में थी। जिसे बाद में एकीकृत राजस्थान के पश्चात् हटा दिया गया। केंद्र सरकार की नीति के तहत न्याय सुलभ एवं सुगम होना चाहिए। इसी के तहत जिला न्यायालयों को तहसील स्तर पर खोला जा रहा है। इस पर एडवोकेट्स की मांग है कि उच्च न्यायालय का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। मान्य विधि एवं न्यायमंत्री, भारत सरकार ने भी इस सम्बन्ध में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी एवं विधि आयोग की रिपोर्ट में भी आया था कि उच्च न्यायालयों का विकेंद्रीकरण होना चाहिए। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अजय पुरोहित ने बताया कि इसी मांग के तहत संभाग के सभी एडवोकेट्स ने 125 दिनों तक हड़ताल कर अदालतों में अपना कार्य स्थगित किया था। उसी के परिप्रेक्ष्य में संकल्प दिवस मनाया जाता है और उस दिन कार्य स्थगित रखा जाता है। ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमण्डल में सह-सचिव सुखदेव व्यास, गणेशराम चौधरी, किशन सांखला, संतनाथ योगी, कुंतेश खटोल, हरिश ओझा, विजय कपूर, किशननाथ, रामकिशन कड़वासरा, किशन भादू सहित अनेक अधिवक्तागण मौजूद रहे।