कोरोना के इस दौर में ह्रदय शल्य चिकित्सा क़ो स्थगित ना किया जाए : डॉ राजू व्यास

 




यूरोपियन असोसिएशन ऑफ कार्डियोथोरोसिक एंड वैस्क्युलर सर्जन बोले, कोरोना के इस दौर में ह्रदय शल्य चिकित्सा रोकना पड़ सकता है भारी



नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित करने के साथ ही लोगों के सामान्य जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। फिलहाल इस महामारी का अंत होता नहीं दिख रहा है। समाज के बदले इस स्वरूप और बदलाव के साथ कार्डियक सर्जरी को करने के नये तौर तरीक़े विकसित किए गए है ताकि गंभीर हृदय रोगियों को बचाया जा सके। वर्तमान हालात में अस्पतालों में बेड की कमी और संक्रमण के खतरे के बीच चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का बचाव भी एक बड़ा मुद्दा है। सभी को संक्रमण से बचाने के लिए अधिक संख्या में पीपीई किट का उपयोग भी किया जा रहा है। कार्डियक सर्जरी में इटली, अमेरिका व यूरोपीय देशों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए हमारे देश में भी कोविड के इस दौर में हार्ट सर्जरी के प्रोग्राम को सरलता पूर्वक चालू रखने के लिए देश के सभी प्रतिष्ठित संस्थानों ने अपने हॉस्पिटल्स में काफ़ी बदलाव किए हैं। जिसके कारण इलेक्टिव सर्जरीज़ व कोविड दोनों प्रकार के मरीज़ों का इलाज सरलता पूर्वक इन हॉस्पिटल में किया जा रहा है। यह कहना है वरिष्ठ कार्डियक सर्जन व फोर्टिस शालीमार के कार्डियक साइंसेज के प्रमुख डॉ. राजू व्यास का। उन्होंने बताया कि शुरू के दिनों में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों व सलाह के अनुसार अधिकांश अस्पतालों मे सर्जरी को स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। परंतु अब सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही व समय के साथ कोरोना के साथ ही जीने की आदत समाज के लोगों को सीखना होगा। साथ ही साथ ह्रदय की शल्य क्रिया (हार्ट सजर्जरी) को भी चालू रखना होगा। यूरोपियन असोसिएशन ऑफ कार्डियोथोरोसिक एंड वैस्क्युलर सर्जन डॉ व्यास के मुताबिक हार्ट सर्जरी को ज़्यादा समय तक लम्बित नही रखा जा सकता हे इससे ह्रदय की बीमारी की जटिलता (कॉम्प्लिकेशन) बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है और हृदयघात से अचानक मौत (सडन कार्डीऐक डेथ) की संभावना बढ़ जाती है। कोरोना के इस दौर में कुछ सावधानी के साथ हार्ट सर्जरी की जा सकती है। उसके लिए मरीज़ों के चयन से लेकर उनकी जाँच करने के तौर तरीक़े व ऑपरेशन थियेटर में कुछ बदलाव करने से कोरोना के इस दौर में भी सफलता पूर्वक हार्ट सर्जरी संभव है। 
 पिछले कई माह से डॉक्टर राजू व्यास डायरेक्टर कार्डियक सर्जन फ़ोर्टिस हॉस्पिटल शलिमार बाग व फ़ोर्टिस एस्कार्ट्स दिल्ली में सफलता पूर्वक हार्ट सर्जरी कर रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण कार्डियक सर्जरी में पहले से अधिक महंगी होने के साथ, वायरस प्रभावित मरीजों की पहचान के लिए कोविड-19 की जांच के साथ चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इसके साथ मरीज के इलाज के लिए आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और संभावित खर्च अस्पताल के खर्च में जुड़ना है।  हालांकि, अस्पतालों में सभी तरह की सर्जरी को शुरू किया गया है, ताकि उन मरीजों को बचाया जा सके, जिनकी सर्जरी नहीं होने और इलाज के अभाव में उनकी स्वाभाविक रूप से मौत हो सकती है। इसलिए, अस्पताल के सभी विभागों ने अस्थायी रूप से अपने काम को फिर से शुरू कर दिया है। 
देश में बढ़ते कोविड मामलों के साथ और मुश्किल घड़ी में मरीज के इलाज से पहले एक व्यापक दिशा निर्देशों का पालन करना सभी हॉस्पिटल, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों जरूरी है। कार्डियक सर्जरी का निर्णय लेने में मदद करने वाले कारकों पर 3 टॉपिक के तहत चर्चा की जा सकती है।
 
रोगी की हालत..
 
इस विषम हालात में मरीज के ऑपरेशन के लिए सामान्य गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं है। ऐसे में मरीज की कुछ विशेष जांच के साथ ही आवश्यक रूप से आईसीयू बेड और वेंटिलेंटर की वयवस्था पहले से तैयार रखने के साथ विशेष प्रोटोकॉल की आवश्यकता पड़ती है।   
 
संस्थागत कारण..


लोकेशन, रेफरल पैटर्न, समुदायिक परिस्थिति और कोविड का बोझ भी संस्था पर भार बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा अस्पतालों के बीच आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, पल्मोनोलॉजिस्ट और एनेस्थेटिस्ट की उपलब्धता भी अलग अलग होनी चाहिए।  


कोविड फैक्टर..


भारत में कोविड महामारी अभी भी तेजी से बढ़ रही है। डॉ राजू व्यास ने कहा कि यदि देश में कोविड महामारी का प्रसार घातक स्तर पर होता है तो ऐसे में कार्डियक सर्जरी के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। इस स्थिति में हॉस्पिटल का अतिरिक्त भार को सोसाइटी ऑफ थोरैसिक सर्जन (एसटीएस) के निर्धारित दिशा निर्देशों को एक गाइड के रूप में पालन करना होगा कि हार्ट सर्जरी के लिए कौन सी प्रक्रिया का पालन किया जाए। 


सामान्य दिशानिर्देश..


यूरोपियन असोसिएशन ऑफ कार्डियोथोरोसिक एंड वैस्क्युलर सर्जन डॉ व्यास के मुताबिक हमें स्थानीय इंस्टीट्यूट के अनुसार कुछ सुझावों के साथ निर्धारित मानकों का पालन करते हुए प्रोटोकॉल तैयार करना चाहिए। साथ ही स्टाफ के बदलाव में कमी के साथ सभी स्तरों पर कर्मचारियों को समूह में विभाजित करके उपचार टीमों में विभाजित करना होगा ताकि इसके सकारात्मक परिणाम के साथ उनकी सुरक्षा भी हो सके।  


सर्जरी से पहले अनिवार्य कोविड परीक्षण..


डॉ राजू व्यास ने जोर देकर कहा कि कार्डियक सर्जरी के लिए आने वाले सभी रोगियों का अनिवार्य रूप से कोविड का परीक्षण जरूरी है। वर्तमान हालात में कोविड जांच किट की उपलब्धता भी एक बड़ा मुद्दा है। हालांकि, अभी तक आदर्श परीक्षण प्रोटोकॉल क्या होना चाहिए इसकी जानकारी नहीं है, पीसीआर टेस्ट में स्वैब कई कारणों से नकारात्मक हो सकता है, जिसमें नमूने की अनुचित तकनीक, कम वायरल लोड, या वायरल जीनोम में म्यूटेशन शामिल हैं। एंटीबॉडी परीक्षणों के मूल्य का मूल्यांकन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ सेंटर में मार्कर के रूप में ग्राउंड ग्लास ओपेसिटीज के लिए सीटी चेस्ट स्क्रीनिंग का उपयोग एक मार्कर रूप में कुछ केंद्रों में भी किया गया है लेकिन स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस परीक्षण की वैधता और व्यवहार्यता भी मान्य नहीं है


 
रोगी के साथ बेहतर संबंध..
डॉ राजू व्यास ने बताया कि इस कठिन समय में चिकित्सक और रोगी के बीच मजबूत और बेहतर संवाद और संवाद स्थापित किया जाना चाहिए। विशेषकर उन मरीजों के साथ जिनकी सर्जरी कोरोना महामारी के चलते टाल दी गई थी। ऐसे मरीजों से उनकी तबीयत को ध्यान में रखते हुए और सर्जरी के जोखिम से अवगत कराते हुए उनको ऑपरेशन के लिए तैयार किया जाना चाहिए। संस्थान में टेलीमेडिसिन होने से रोगियों को पूर्ण जानकारी घर बैठे दिया जा सकेगा और मरीजों को इस नए तरीके की सुविधा होगी। इस तरह से मरीजों का हौसला बढ़ाने के लिए संस्थान टेलीमेडिसन का सहारा ले रहे हैं। 



इलाज के लिए विशिष्ट संस्था का निर्माण..


कोविड महामारी के समय में रोगी की गंभीरता को ध्यान रखते हुए संस्था को हर जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में हम महसूस करते हैं कि सभी अस्पतालो को मोटे तौर पर हार्ट के कुछ ऑपरेशन शुरू कर देने चाहिए ताकि हृदय के गंभीर मरीजों को समय पर इलाज मिल सके और उनकी जान बचायी जा सके। कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी), वाल्व रिप्लेसमेंट व रिपेयर से हार्ट ऑपरेशन शुरू किया जा सकता है। सरल कंजनाइटल हार्ट डिफेक्ट जैसे एएसडी (ASD) , वीएसडी (VSD) , पीडीए (PDA) ,  टीओएफ रिपेयर (TOF repair)  किया जा सकता है।


कोविड महामारी के कम होने के साथ जटिल ऑपरेशन को समय के साथ बढ़ाया जा सकता है। लेकिन ऑपरेशन के समय सुरक्षा मानकों का ख्याल रखना होगा जैसे एन-95 मास्क, पीपीई किट का उपयोग पूरी तरह से किया जाना चाहिए।   
  
निष्कर्ष.. 
यूरोपियन असोसिएशन ऑफ कार्डियोथोरोसिक एंड वैस्क्युलर सर्जन डॉ व्यास के मुताबिक कोविड-19 महामारी के समय में कार्डियक सर्जरी को संचालित करने के लिए संस्थान की क्षमता को बढ़ाना होगा ताकि मरीजों का भार कम हो और हृदय संबंधित बीमारी से लोगों को ठीक किया जा सके और उनकी होने वाली संभावित मौत से बचाया जा सके। हार्ट मरीजों के इलाज में देरी उनके लिए घातक व जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में हार्ट सर्जन से संपर्क कर जल्द से जल्द सर्जरी कराएं।