बीकानेर, 27 अक्टूबर (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के बीकानेर में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय [एसकेआरएयू] एवं केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान [सीआईएएच] द्वारा किसान और विद्यार्थी हित में एक-दूसरे के संसाधनों का साझा उपयोग किया जाएगा। इसके लिए मंगलवार को दोनों संस्थाओं के बीच एमओयू हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो आर पी सिंह और संस्थान की ओर से निदेशक डॉ पी एल सरोज ने इस पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि जिले में शुष्क बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। वहीं मूल्य संवर्धन एवं विपणन भी आज के दौर की महत्ती जरूरत है। दोनों संस्थानों द्वारा इन क्षेत्रों में सतत कार्य किए जा रहे हैं। किसानों एवं कृषि विद्यार्थियों को इनका लाभ हो, इसके मद्देनजर यह एमओयू किया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में वर्ष 2015 में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू हुआ, जो पांच वर्ष के लिए वैध था। ऐसे में दोनों संस्थाओं के बीच आगामी पांच वर्षों के लिए दोबारा एमओयू किया गया है। डॉ सरोज ने कहा कि दोनों संस्थाओं के सहयोग से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। किसानों को शुष्क बागवानी का प्रशिक्षण, संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा कृषि विद्यार्थियों को मार्गदर्शन सहित इन विद्यार्थियों को संस्थान का भ्रमण करवाया जाएगा। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ आई पी सिंह ने एमओयू की रूपरेखा एवं इसके बिंदुओं के बारे में बताया। इस दौरान डॉ पी के .यादव, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के डॉ धुरेन्द्र सिंह एवं डॉ बी डी शर्मा मौजूद रहे। इससे पहले प्रो सिंह एवं डॉ सरोज ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी सिंह की पहल पर अब तक बीकानेर के तीनों विश्वविद्यालयों, केन्द्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, स्किल विश्वविद्यालय, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद सहित अन्य स्तरीय संस्थाओं के साथ एमओयू किया जा चुका है।