बीकानेर, 19 सितम्बर। राजस्थान के पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी ने शनिवार को कहा कि भारतीय रेलवे का निजीकरण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए रेलकर्मियों को ही नहीं बल्कि लोगों को भी सजग होना पड़ेगा। इसके लिए जरुरत पड़े तो चक्का जाम करो। ऑल इंडिया रेलवे फैडरेशन के आह्वान पर निजीकरण के विरोध में नॉथ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा आयोजित सेमीनार में रेलकर्मियों को सम्बोधित करते हुए भाटी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों की सात-सात पीढिय़ां गुजर गईं लेकिन वर्तमान व्यवस्था उसके मुकाबले कुछ भी नहीं है। आजादी के बाद 70 वर्षों में किसी भी व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है जिसमें अलग-अलग विभाग है उनसे किसी से भी संतुष्ट नहीं हुए। निजीकरण आज का नहीं सोचा हुआ है। धनकुबेर वालों की सोची समझी राजनीति है। जिससे चंदा लेंगे ये नेता क्या वो उनके खिलाफ बोलेंगे। इस निजीकरण का विरोध करना हमारा दायित्व है। रोडवेज बसें, कोलकाता की ट्राम हो दो पैसा बढ़ा देते हैं तो सड़कें जाम हो जाती है लेकिन वर्तमान प्रचार के तंत्र मेें ऐसे उलझे हुए हैं कि अपना क्या है, ये सोच बहुत खतरनाक है। बतौर अतिथि बीकानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अजय कुमार पुरोहित ने बताया कि निजीकरण होने से न केवल रेलकर्मियों बल्कि जनता को नुकसान होगा। हमें जनता को जागरुक करना होगा। उन्होंने बताया कि निजीकरण से पहले सोचें। फल सब्जी मंडी अध्यक्ष व कांग्रेस नेता अरविंद मिड्ढा ने कहा कि केवल 10 लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार निजीकरण करेगी जिससे करोड़ों का नुकसान तो होगा ही बल्कि आम जनता को काफी नुकसान होगा। सहायक मंडल मंत्री मनोज के. बिस्सा ने बताया कि यह आयोजन कार्यकारी अध्यक्ष अनिल व्यास, बीकानेर कार्यशाला के सचिव दिनेश सिंह के नेतृत्व में किया गया। इस आयोजन में बीकानेर मंडल और बीकानेर कार्यशाला के पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में ब्रांच सचिव बृजेश ओझा, गणेश वशिष्ठ, सहायक मंडल मंत्री प्रताप सिंह, ठेला यूनियन अध्यक्ष मोहिदीन चौहान, पार्षद रमजान कच्छावा, मोहम्मद रफीक, प्रफुल हटीला, अब्दुल सत्तार, विजय श्रीमाली, अमरनाथ सेवग, मुश्ताक अली सहित अनेक रेलकर्मी मौजूद थे। बिस्सा ने बताया कि शनिवार सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक रेलकर्मियों ने रेल मंत्री को ट्वीट किया और रात्रि 8 बजे से 8:10 तक सभी रेल कर्मचारियों ने अपने-अपने घर व रेलवे कॉलोनियों में ब्लैक आउट कर निजीकरण का विरोध भी किया।