बीकानेर (छोटीकाशी डॉट पेज)। इंजीनियरिंग और एमबीए कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बीकानेर टैक्नीकल यूनिवर्सिटी (बीटीयू) ने अपने एफिलिएटेड 31 इंजीनियरिंग और 18 एमबीए एवं 08 एमसीए कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की ग्रेडिंग और रैंकिंग निर्धारित कर दी है। इससे इंजीनियरिंग एवं एमबीए कॉलेजों में एडमिशन के इच्छुक स्टूडेन्ट्स को बेस्ट कॉलेज के बारे में जानकारी मिल सकेगी। बीटीयू के निदेशक अकादमिक डॉ यदुनाथ सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अपने सभी सम्बद्व महाविद्यालयों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढाने, विद्यार्थियों के लिये गुणवत्ता पूर्ण अध्ययन अध्यापन एवं शिक्षकों के शैक्षणिक विकास को नियमित रूप से बढाते रहने के लिये, सभी सम्बद्व महाविद्यालयों की ग्रेंडिग निर्धारित करने के लिये गुणवत्ता सूचकांक मूल्य की गणना पहले से ही निर्धारित लगभग 25 पैरामीटर के आधार पर अकादमिक प्रदर्शन पर निर्धारित होती है। विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड कॉलेजों को ग्रेडिंग के लिये 25 पैरामीटर निर्धारित किये गये। जिनमें 18 शैक्षणिक एवं 07 सह-शैक्षणिक गतिविधियां शामिल है, जिनके आधार पर प्रत्येक कॉलेजों को रैकिंग दी गई है। इनमें 19 कॉलेजों ने 1000 में से 600 से अधिक नम्बर हासिल किये हैं। जिनमें से 10 इंजीनियरिंग कॉलेज और 8 एमबीए और 01 एमसीए कॉलेज शामिल है, जिन्हे 'ए' कैटेगरी में रखा गया है। ए कैटेगरी के लिए 600 या उससे अधिक अंक होने चाहिए। जबकि 400 से 599 अंक हासिल करने वाले कॉलेजों को बी और 400 से नीचे अंक हासिल करने वाले कॉलेजों को सी कैटेगरी में रखा गया है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में 978 अंको के साथ जोधपुर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी, जोधपुर प्रथम स्थान 793 अंकों के साथ, अलवर का मॉर्डन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एण्ड रिसर्च सेन्टर द्वितीय स्थान एव ंबी.के.बीरला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी, पीलानी तृतीय स्थान पर रहा। विवि के कुलपति प्रो एचडी चारण ने बताया कि जो विद्यार्थी इंजिनियरींगए प्रबंधन, कम्प्यूटर अनुप्रयोग और वास्तुकला में प्रवेश लेना चाहते है, उन्हें सर्वश्रेष्ठ कॉलेज चुनने में यह रैंकिग व ग्रेडिंग मदद करेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने गत वर्ष विश्वविद्यालय की इस क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू मूल्याकंन प्रणली की सराहना की थी। कुलपति को सम्मानित भी किया गया था। कॉलेजों ग्रेडिंग और रैंकिंग निर्धारण समिति में डॉ सुधीर भारद्वाज सहायक डीन अकादमिक एवं उनकी टीम ने भी मुख्य भुमिका निभाई।