बीकानेर, 18 जुलाई (छोटीकाशी डॉट पेज)। राजस्थान के बीकानेर में वर्तमान लॉकडाउन की स्थिति में बीकानेर के व्यापारी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। पूरे राजस्थान में सिर्फ बीकानेर शहर को सील करके करफ्यू लगाया हुआ है। दस दिन हो गये हैं पर इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है। बीकानेर इलेक्ट्रिक ट्रेड एसोसिएशन के सचिव विजय रांका ने सीएम अशोक गहलोत, कलेक्टर नमित मेहता से इस सम्बन्ध में आगामी तीज-त्यौंहार को देखते हुए सील करफ्यू खोलने की मांग की है। रांका ने कहा कि पहले भी सत्तर दिन का लॉकडाउन लगाया गया था। राजस्थान में अन्य जगहों के मुकाबले बीकानेर से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। लेकिन कहीं भी लॉकडाउन नहीं है। व्यापारी इस लॉकडाउन के कारण आर्थिक रुप से बेहाल हो चुके हैं। बेरोजगार हो चुके व्यापारियों की कई दुकानें बंद हो चुकी है और कुछ बंद होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि व्यापार कब तक बन्द रखकर व्यापारियों को बेरोजगार बनाकर रखेगा प्रशासन। व्यापारी कहाँ से संस्थान का किराया, बिजली का बिल, बाजार का बकाया और अपना घर खर्च चुकायेगा। जब फैक्ट्रियां, बैंक, रोडवेज, सरकारी दफ्तर इत्यादि सब खुले हैं तो सिर्फ व्यापार ही क्यों बन्द है? उन्होंने प्रशासन से भी सवाल किया कि क्या सिर्फ व्यापारी ही कोरोना बीमारी फैला रहे हैं? रांका ने यह भी कहा कि व्यापारियों की आर्थिक हानि सहने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। अवसाद में व्यापारी आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेंगे तो क्या प्रशासन इसकी जिम्मेदारी लेगा। राजस्थान के मुख्य सचिव ने लॉकडाउन को नकार दिया तो फिर बीकानेर में लॉकडाउन जैसा सील करफ्यू क्यों? रांका के साथ मोहता चौक व्यापार मण्डल के घनश्याम लखानी, कपड़ा व्यापार संघ के हरिश नाहटा ने भी करफ्यू का विरोध जताते हुए इसे शीघ्र ही हटाने की मांग की है।