आखिर अशोक गहलोत की सरकार इतनी हड़बड़ी में क्यों है? सरकार की ऐसी हड़बड़ी से प्रदेश में माहौल बिगड़ सकता है।
न्यूजडेस्क। यह माना कि देश और प्रदेश में कोरोना वायरस बेकाबू है। वायरस किस दिशा में जाएगा इसका भी अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन सरकार को तो सोच विचार कर ही निर्णय लेने चाहिए। यदि सरकार ही हड़बड़ी दिखाएगी तो आम जनता क्या करेगी? 10 जून को राजस्थान में कुछ ऐसी ही असमंजस की स्थिति हुई। पुलिस मुख्यालय में बैठे कानून व्यवस्था के महानिदेशक एमएल लाठर ने 10 जून को सुबह आदेश संख्या 729 जारी किया। इस आदेश में अंतर्राज्यीय सीमा सील करने की बात कही गई। सीमा को सील करने का आदेश जारी होते ही न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो के माध्यम से यह खबर आग की तरह फैल गई। इस आदेश में कहा गया कि अंतर्राज्यीय सड़क मार्गों एवं रास्तों पर अविलम्ब पुलिस चैक पोस्ट स्थापित की जाए और बिना अनुमति पत्र के राज्य में अन्य राज्य के व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाए। साथ ही राज्य से बाहर जाने वाले व्यक्तियों को भी बिना पास जाने की अनुमति नहीं दी जाए। केवल ऐसे व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जाए जिसने राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो। इसी प्रकार राज्य से बाहर जाने हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा विधि संवत अनुमति जारी की गई हो। आदेश में यह भी कहा गया कि अनुमति पत्र जारी करने की शक्तियां जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक में निहित है। इसके साथ ही हवाई अड्डे रेलवे स्टेशन आदि पर भी तुरंत प्रभाव से चैक पोस्ट स्थापित कर चेकिंग की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। यहां भी बिना अनुमति के आवागमन को रोका जाए। आदेश में कहा गया कि यह कार्यवाही आगामी 7 दिवस के लिए लागू की गई है। सरकार के इस आदेश से जाहिर था कि अब पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि की सीमा से कोई भी व्यक्ति राजस्थान में प्रवेश नहीं कर सकेगा। चूंकि सीमाएं सील करने की खबरें न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित हो गई इसलिए प्रदेश भर में अफरा-तफरी का माहौल होने लगा। लेकिन कोई 2 घंटे बाद ही लाठर ने आदेश 730 जारी किया और जिसमें कहा गया कि सीमा सील करने की जगह अंतर्राज्यीय सीमा पर आवागमन को नियंत्रित करना पढ़ा जावे। आदेश संख्या 730 मात्र चार लाइनों का रहा। संशोधित आदेश में आवागमन को नियंत्रित करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जानकार सूत्रों का मानना रहा कि सरकार ने सीमा सील की जगह नियंत्रित शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया है, क्योंकि देश के संघीय ढांचे में किसी भी राज्य को सीमा सील करने का अधिकार नहीं है। लेकिन प्रदेश की आंतरिक स्थिति के मद्देनजर आवागमन नियंत्रित किया जा सकता है। यानि आदेश संख्या 729 में जो दिशा निर्देश जारी किए गए वे आवागमन नियंत्रित करने वाले आदेश में भी लागू रहेंगे। यानि अब पहले की तरह लोगों को राजस्थान में आने और जाने के लिए सरकारी अनुमति लेनी होगी। हालांकि पूर्व में सरकार ने ऐसी अनुमति देने का आदेश थानाधिकारियों तक को दे दिया था, लेकिन 10 जून के आदेश में अनुमति देने का अधिकार सिर्फ कलेक्टर और एसपी को दिया गया है।
हॉटस्पॉट वाले राज्यों से बड़ी संख्या में लोग आए:..
अंतर्राज्यीय आवागमन जारी होने से बड़ी संख्या में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली आदि से लोग राजस्थान में आए। चूंकि यह सभी राज्य कोरोना वायरस की दृष्टि से हॉटस्पॉट माने जा रहे हैं। इसलिए राजस्थान में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई। संभवत: मरीजों की संख्या को देखते हुए ही राजस्थान सरकार आवागमन को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है।
(साभार: एसपी.मित्तल)