खाने की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं-गौतम जिला मजिस्ट्रेट पीबीएम अस्पताल रसोई पहुंचे, जांच की भोजन की गुणवत्ता


व्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी, दिए सुधार के निर्देश



बीकानेर, 20 मई। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए क्वेरंटाइन सेंटर (महेश्वरी धर्मशाला) तथा कोविड हाॅस्पीटल में भर्ती मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौतम ने बुधवार को को पीबीएम अस्पताल के रसोईघर में पहुंचकर भोजन की गुणवत्ता का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान भोजन की गुणवत्ता पर असंतोष जताते हुए गौतम ने अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश दिए।
गौतम ने कहा कि क्वेरटाइन सेंटर में लोगों को पूर्ण गुणवत्ता युक्त भोजन सहित अन्य खाने-पीने का सामान मिले इसके लिए सभी व्यवस्थाएं अप टू द मार्क रखी जाए। गुणवत्ता के साथ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी खामी पाई गई तो राशन सामग्री की आपूर्ति करने वाली कार्यकारी एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौतम ने अधिकारियों को समस्त व्यवस्थाओं का नियमित निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाएं तुरंत प्रभाव से ठीक करने के निर्देश दिए।
इस दौरान गौतम ने वहां मौजूद स्टाफ से खाना बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी ली कि किस प्रकार सब्जी रोटी बनती है और पैकिंग प्रोसेस कैसे रहता है। उन्होंने राशन भंडारण स्थल का भी निरीक्षण किया तथा वहां रखी सभी सामग्री की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। गौतम ने स्वयं आटे का पैकेट बाहर निकलवाया तथा धूप में ले जाकर आटे की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने प्राचार्य और अधीक्षक को स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रथम दृष्टया ही इस आटे की गुणवत्ता अच्छी नहीं लग रही है। जिला कलक्टर ने कहा कि राशन सामग्री की गुणवत्ता की जांच के साथ-साथ बोतलबंद पानी की भी गुणवत्ता जांची जाए।


तेल का टिन मंगवाया, पैकिंग देखी, भोजन टेस्ट कर की जांच
  जिला कलेक्टर ने प्राचार्य डॉ एस एस राठौड और अधीक्षक डॉ बीके गुप्ता से कहा कि आज शाम को जिस भोजन की आपूर्ति की जानी है उसे मंगवाएं। इस पर जिला कलेक्टर को दाल, सब्जी और रोटी प्रस्तुत की गई। जिला कलेक्टर ने खुद खाना चखकर देखा और खाने की गुणवत्ता पर असंतोष जताया। गौतम ने कहा कि रोटी, दाल और सब्जी मानक के अनुसार नहीं हैं। उन्होंने रोटी को कुछ देर खुला छोड़ा और इसके बाद अपने हाथ से रोटी तोड़ कर अधिकारियों को कहा कि 5 मिनट रोटी खुली रहने पर इतनी सख्त हो रही है। यह अस्वीकार्य है कि मरीजों को इस तरह का भोजन दिया जा रहा है। जिला कलक्टर ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि आटे सहित सभी राशन सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाए तथा लापरवाही सामने आने पर ठेकेदार सहित सम्बंधित के विरुद्ध राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाएं।


अक्षय पात्र और स्थानीय कुक (रसोइये) से लें राय
जिला कलक्टर गौतम ने कहा कि पीबीएम अस्पताल में भोजन तैयार कर रहे रसोइयों को भोजन तैयार करने के तरीके में अक्षय पात्र फाउंडेशन और स्थानीय कुक से भोजन पकाने की विधि और अन्य आयामों पर राय दिलवाई जाए। मिड डे मील में भोजन बनाने वालों को पीबीएम अस्पताल में बुलाया जाए तथा यहां जो लोग भोजन बना रहे हैं, वे अक्षय पात्र जाकर वहां देखें कि किस तरह से भोजन पकाने के बाद 4 घंटे तक भी खाना पूर्ण गुणवत्ता युक्त रहता है।


जांच के लिए लिया उठाई पानी की बोतल
निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर ने संजीदगी दिखाते हुए वहां रखी पानी की एक बोतल उठाई और पैक्ड बोतल को तुरंत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।  गौतम ने कहा कि भोजन की गुणवत्ता में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं होगा तथा राशन सामग्री मानक के अनुसार सप्लाई नहीं करने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा। जिस भी स्तर पर कोई भी कमी पाई गई उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर प्राचार्य सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज डाॅ एसएस राठौड़ तथा पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डाॅ बी के गुप्ता उपस्थित रहे।


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