महावीर जयंती पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री के निवास पर समारोह का आयोजन..











भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक : मुख्तार अब्बास नक़वी


आचार्य लोकेशजी बोले, भगवान महावीर के आदर्शों पर आधारित विश्व शांति केंद्र की स्थापना शीघ्र, 17 से प्रारंभ होगा निर्माण कार्य


नई दिल्ली। भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी के निवास स्थान पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक प्रख्यात जैनाचार्य डॉ लोकेशजी के सान्निध्य में भगवान महावीर जन्म जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सरदार इक़बाल सिंह लालपुरा, उत्तरप्रदेश के पूर्व कार्यकारी मुख्यमंत्री डॉ अमार रिज़वी, अमेरिका से समागत पीस एंबेसडर डैम मुन्नी इरोने, प्रख्यात एवं वरिष्ठ साहित्यकार जया जादवानी, जैन समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी सुभाष ओसवाल, श्री कमल जैन, मनोज जैन सारिका जैन, तारकेश्वरी मिश्रा आदि गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे। इस अवसर पर शांतिदूत जैन आचार्य डॉ लोकेशजी ने दिल्ली-एनसीआर गुरुग्राम में भगवान महावीर के सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित ‘विश्व शांति केंद्र’ की  स्थापना की घोषणा की। उन्होने बताया कि 17 अप्रैल को गुरुग्राम के सैक्टर-39 में भूमिपूजन के साथ इस केंद्र का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और लगभग 18 माह के समय में इस केंद्र का निर्माण कार्य सम्पन्न होगा। इस केंद्र के माध्यम से भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार विश्व भर में हो सकेगा। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने इस अवसर पर विश्व शांति केंद्र की परियोजना विवरणिका का लोकार्पण किया। उन्होने पूरे जैन समाज को भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा, शांति और सद्भावना के दर्शन की तत्कालीन समय में जितनी आवश्यकता थी उससे अधिक आवश्यकता और प्रासंगिकता मौजुदा समय में है। भगवान महावीर के सिद्धांत वैज्ञानिक दृष्टि से भी मान्य है उनके बताये हुए मार्ग पर चलने से हम स्वस्थ, समृद्ध एवं सुखी समाज की संरचना कर सकते है। उन्होंने कहा कि शांतिप्रिय जैन समुदाय का समाज व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण  योगदान है। उन्होने जैन आचार्य डॉ लोकेशजी द्वारा विश्व शांति केंद्र कि घोषणा कि सराहना करते हुए कहा कि इस केंद्र से पूरी दुनिया में भगवान महावीर के अहिंसा, शांति, सद्भावना के संदेश के साथ भारतीय संस्कृति एवं वसुधेव कुटुंबकम का संदेश भी प्रसारित होगा। 

अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहा कि जैन धर्म वैज्ञानिक धर्म है और कोरोना काल के पश्चात भगवान महावीर का दर्शन और जैन जीवन शैली और भी अधिक प्रासंगिक हो गयी है इसके माध्यम से अनेक वैश्विक समस्याओं का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की तीन प्रमुख समस्याओं हिंसा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और गरीबी असमानता, तीनों का समाधान जैन धर्म में है। परमाणु खतरों और आतंकवाद से जूझ रही दुनिया को भगवान महावीर के अहिंसा और शांति के दर्शन से ही बचाया जा सकता है, क्योंकि  युद्ध, हिंसा और आतंक किसी समस्या का समाधान नहीं है। शांतिपूर्ण संवाद से ही दुनिया की सभी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। आचार्य लोकेशजी ने कहा कि भगवान महावीर नें संयम आधारित जीवन शैली की बात की, व्यक्तिगत भोग और उपभोग के सीमाकरण की बात की। उन्होंने कहा पदार्थ सीमित है, वो असीम इच्छाओं की पूर्ति नहीं कर सकते। सचमुच उनका मार्गदर्शन पर्यावरण की शुद्धि के लिए अत्यंत उपयोगी है| 

इस अवसर पर अमेरिका से समागत पीस एंबेसडर डैम मुन्नी इरोने, जैन समाज के वरिष्ठ नेता सुभाष ओसवाल, दिल्ली सहयोग के अध्यक्ष मनोज जैन, दिल्ली प्रदेश भाजपा की प्रवक्ता सारिका जैन ने भगवान महावीर के जीवन प्रसंग प्रस्तुत करते हुए अपने-अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आचार्य लोकेशजी द्वारा स्थापित किया जा रहा ‘विश्व शांति केंद्र’ भगवान महावीर की महान शिक्षाओं पर आधारित होगा, जहां से दुनिया भर में शांति का संदेश प्रसारित होगा। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सरदार इक़बाल सिंह लालपुरा, उत्तरप्रदेश के पूर्व कार्यकारी मुख्यमंत्री डॉ अमार रिज़वी,ने कहा कि भगवान महावीर ने हमेशा सभी जीवों के प्रति दया, समभाव, क्षमा, और प्रेम रखना सिखाया, भगवान महावीर के इस सिद्धान्त पर चलने के बहुत आवश्यकता है। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री को भगवान महावीर एवं नमस्कार महामंत्र की प्रतिकृति भेंट की गई।