नि:शुल्क भोजनशाला, यात्री निवास एवं विभिन्न संकुलयुक्त श्री रत्न गणपति महादेव मंदिर का हुआ भूमिपूजन













-उज्जैन में पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंत विजयजी म.सा. की निश्रा में देश के विभिन्न राज्यों के भक्तों ने की शिरकत


- पूज्य गुरुदेव श्रीजी ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजन अभिषेक कर देश और दुनिया की समृद्धि की कामना


उज्जैन। श्री पार्श्व पदमावती शक्तिपीठ धाम कृष्णगिरी के पीठाधिपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, सिद्धिसम्राट पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के पावन सान्निध्य में सोमवती पूर्णिमा के पुण्य अवसर पर यहां नि:शुल्क भोजनशाला, यात्री निवास, विभिन्न संकुलयुक्त श्री रत्न गणपति महादेव मंदिर का भूमिपूजन हर्षोल्लास के साथ विधानपूर्वक सम्पन्न हुआ। स्थानीय उजडख़ेड़ा हनुमान मंदिर मार्ग स्थित श्री विंध्याचल आश्रम के समक्ष हुए इस विधानपूर्वक कार्यक्रम को श्री महाकालेश्वर मंदिर के विद्वान पूजारी दिनेश गुरुजी व रमन गुरुजी की निश्रा में सम्पन्न किया गया। इस भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद संतश्रीजी ने बाबा महाकाल मंदिर में पहुंचकर पूजन-अर्चन कर देश और दुनिया में सुख शांति व समृद्धि की कामना की। इससे पूर्व भूमिपूजन अवसर पर पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने अपने प्रवचन में शास्त्रोक्त वक्तव्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सोमवती अमावस्या पर तंत्र साधना तथा पूजन आदि करने से संकट मिटाती है वहीं सोमवती पूर्णिमा मंत्र सिद्धि के साथ समृद्धि बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि हर क्रिया की निश्चित प्रतिक्रिया होती है। व्यक्ति में स्वयं के साथ-साथ धर्म के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए। डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में अथवा कुंडली में कैसी भी परेशानी हो व्यक्ति यदि दान करे, बाबा महाकाल की पूजा-भक्ति करे अथवा देवालयों के भूमिपूजन आदि में शामिल हो तो उसे भूमिलाभ सहित हर प्रकार से भाग्योदय का लाभ निश्चित प्राप्त होता है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति को स्वयं की प्रसन्नता से अधिक परमात्मा की प्रसन्नता का ख्याल अवश्य रखना चाहिए। कार्यक्रम में इंदौर, दिल्ली, हरियाणा, चैन्नई, गोवा उत्तराखंड, मुम्बई, कर्नाटक व राजस्थान सहित अनेक प्रांतों, शहरों से गुरुभक्त शामिल हुए। श्रीमहाकाल मंदिर में पूज्य गुरुदेवश्रीजी का पूजन अभिषेक के बाद मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ व सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल तथा पूजारीवृंद ने स्वागत-सत्कार किया व आशीर्वाद लिया।