दरबार गढ़ पोशिना बाघेला जागीर के कुंवर हरेंद्रपाल सिंह ने देखा जूनागढ़, मां करणी के दर्शन कर हो गए इम्प्रेस....









बीकानेर (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। गुजरात के साबरकांठा स्थित दरबारगढ़ पोशिना बाघेला जागीर कुंवर हरेंद्रपाल सिंह ने छोटीकाशी नाम से देश और दुनिया में विख्यात बीकानेर को बारीकी से देखा और इतने इम्प्रेस हुए कि दांतों तले अंगुली दबाकर कहने लगे कि वे पहली बार ही बीकानेर आए हैं और यह कहने में कहीं भी संकोच नहीं कि जोधपुर से अच्छा उन्हें बीकानेर लगा। अपनी पत्नि कैलाश कुमारी और साली उमाकुमारी के साथ एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने यहां आए कुंवर हरेंद्रपाल सिंह ने बीकानेर की रामपुरिया स्थित हवेलियों को देखा, भंवरविलास पैलेस में दो घण्टे बिताने के बाद वे गजनेर पैलेस, नरेंद्र भवन पैलेस, जूनागढ़ का भ्रमण किया। तत्पश्चात् वे गुजरात के लिए रवाना होने से पहले विश्वविख्या देशनोक स्थित मां करणी के दर्शन कर अभिभूत दिखे। डेढ़ से दो दिन के बीकानेर प्रवास पर उन्होंने यहां की अद्भुत नक्काशी, यहां का पुरा वैभव संस्कृति को बारीकी से देखा। उन्होंने कहा कि टूरिस्ट को लाने के लिए बीकानेर में ज्यादा प्रयास नहीं किए गए यदि देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जाए या उसकी मार्केटिंग अच्छी तरह से की जाए तो निश्चित बेहतर तरीके से बीकानेर एक अच्छा टूरिस्ट डेस्टिेशन बन सकता है। 'हजार हवेलियों का शहर' नाम से भी बीकानेर को जाना-पहचाना जाता है लेकिन उन्होंने जब रामपुरिया हवेली का बाहर से दृश्य देखा तो उन्हें आभास हुआ जिस समय इन हवेलियों का निर्माण हुआ उस समय एक-एक चीज का बारीकी से अध्ययन करके बनाया गया। 

लोकल के लिए इकोनॉमी बूस्ट है टूरिज्म, थोड़ी साफ-सफाई रखने की जरुरत

शहर के अंदरुनी क्षेत्र का दौरा करने गए कुंवर हरेंद्रपाल सिंह का साफ-सफाई नहीं होने से मायूस होना पड़ा। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई कम थी, लोग ध्यान नहीं रख रहे हैं जगह-जगह प्लास्टिक देखने को मिली। साफ-सफाई का भी ध्यान स्थानीय लोगों को रखने की जरुरत है। यह सब कुछ हो जाए तो निश्चित वल्र्ड क्लास डेस्टिनेशन बन सकता है। साथ ही कई जगह पत्थर पर की गयी नक्काशी से ऐसा लगता है यहां कारीगरी का बेहतरीन नमूना है। जिसे रिअसेंबल भी किया जा सकता है या यूं कहेें कि बेहतरीन नमूने को वापिस मैंटेन किया जा रहा है। गजनेर पैलेस और नरेंद्र भवन पैलेस भी उन्हें अच्छा लगा। वे बोले ; मॉडर्न स्टाइल के पॉश होटल उन्हें भा गए। अतिशीघ्र ही वे घर-परिवार के सदस्यों को लेकर इस बार ज्यादा दिन बीकानेर में बिताएंगे। 

देशनोक के मां करणी मंदिर में 'काबा' देख आश्चर्यचकित

बीकानेर जिले के देशनोक स्थित विश्वविख्यात मां करणी के दर्शन कर कुंवर हरेंद्रपाल सिंह काफी सुखद महसूस करने लगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर संगमरमर पर की गयी नक्काशी लाजवाब थी।उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया तो असंख्य चूहे (काबा) जिन्हें किसी श्रद्धालू से डर नहीं लग रहा देखकर आश्चर्यचकित हो गए। मुख्य दरवाजा पार कर मंदिर के अंदर पहुंचते ही चूहों की धमाचौकड़ी देखकर मन दंग रह गया। सैकड़ों की संख्या में चूहों की बहुतायत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पैदल चलने के लिए अपना अगला कदम उठाकर नहीं, बल्कि जमीन पर घसीटते हुए आगे रखा और मां करणी की मूर्ति के सामने पहुंचे।